राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शुक्रवार को बीजेपी पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि विधायकों की खरीद-फरोख्त पूरी नहीं होने की वजह से राज्यसभा चुनाव टाला गया था।
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा, 'राज्यसभा के चुनाव दो महीने पहले हो सकते थे, तैयारी हो गई थी। उसके बावजूद अचानक चुनाव को बिना कारण के स्थगित कर दिया गया क्योंकि बीजेपी की होर्स ट्रेडिंग पूरी नहीं हुई थी।'
'उन्हें कोरोना की चिंता नहीं'
उन्होंने कहा कि उनको चिंता ही नहीं थी कोरोना की, राहुल गांधी ने 12फरवरी को आगाह कर दिया था। उसके बावजूद भी मध्यप्रदेश में सरकार बदली गई। उसके पहले ये कर्नाटक में तमाशा कर चुके थे, जो षड्यंत्र करते हैं उनको बहुत टाइम लगाना पड़ता है योजना बनानी पड़ती है।
'क्या यह सोच मोदी और शाह के दिमाग में नहीं आती'
जब जीवन पर ही खतरा हो उस वक्त में भी यदि सभी पॉलिटिकल पार्टी के, सभी धर्मों के,सभी वर्गों के लोग एक न हों तो बताइए इस कोविड-19 का मुकाबला कैसे कर पाओगे? क्या यह सोच प्रधानमंत्री मोदीजी के दिमाग में नहीं आती है? क्या अमित शाह जी के दिमाग में नहीं आती है?
'देश के डीएनए में है कांग्रेस'
मोदी जी कहते हैं कि कांग्रेस मुक्त भारत बनाएंगे, भारत कांग्रेस मुक्त कभी नहीं होगा। देश के रग-रग में कांग्रेस है, देश के डीएनए में है। लेकिन मोदी जी, उनकी सरकार, उनकी पार्टी वो नेस्तनाबूद कब हो जाए तो आश्चर्य नहीं करना चाहिए क्योंकि जनता उनके कारनामों को देख चुकी है।
गहलोत, निर्दलीय विधायकों ने रात रिजॉर्ट में बिताई
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और लगभग 100 कांग्रेसी एवं निर्दलीय विधायक बीती रात जयपुर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग स्थित एक रिजॉर्ट में रुके। राज्यसभा चुनावों से पहले पार्टी के विधायकों को भाजपा द्वारा अपने पाले में करने के आरोपों के बीच यह कदम उठाया गया। विधायकों ने राजस्थान में 19 जून को राज्यसभा के तीन सीटों पर होने वाले चुनाव पर चर्चा की। सरकारी मुख्य सचेतक महेश जोशी ने बताया कि गुरुवार रात को 8-10 विधायक व्यक्तिगत और स्वास्थ्य कारणों से रिजॉर्ट से लौट गए थे कि वे शुक्रवार को वापस आयेंगे। अन्य लगभग सभी 100 विधायकों ने बीती रात रिजॉर्ट में बिताई।
तीन सीटों के लिए है चुनाव
राजस्थान में राज्यसभा की तीन सीटों के लिये चुनाव 19 जून को होगा जिसके लिये कांग्रेस ने के सी वेणुगोपाल ओर नीरज डांगी को प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान में उतारा है वहीं भाजपा ने शुरूआत में राजेन्द्र गहलोत को अपना प्रत्याशी बनाया था लेकिन पार्टी ने नामांकन के अंतिम दिन ओंकार सिंह लखावत को दूसरे प्रत्याशी के रूप में मैदान में उतार कर सबको चौंका दिया। 200 सीटों की विधानसभा में कांग्रेस के पास पिछले साल बसपा पार्टी को छोड़कर कांग्रेस में शामिल हुए छह विधायकों सहित 107 विधायक हैं। पार्टी को राज्य में 13 में से 12 निर्दलीय विधायकों का समर्थन प्राप्त है जबकि भाजपा के पास 72 विधायकों के साथ ही राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के तीन विधायकों का समर्थन प्राप्त है। कांग्रेस के पास अपने दोनों उम्मीदवारों को जिताने के लिये पर्याप्त बहुमत है।