केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को आरएसएस के स्थापना दिवस के अवसर पर संघ के सदस्यों को बधाई दी और कहा कि अपनी स्थापना के बाद से यह संगठन भारतीय संस्कृति की रक्षा और युवाओं में देशभक्ति के विचारों को विकसित करने का उल्लेखनीय काम कर रहा है।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) की स्थापना 1925 में विजयादशमी के दिन नागपुर में केशव बलिराम हेडगेवार ने की थी।
शाह ने 'एक्स' पर लिखा, "राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के स्थापना दिवस पर सभी स्वयंसेवकों को हार्दिक शुभकामनाएं। यह संगठन अनुशासन और देशभक्ति का अनूठा प्रतीक है। आरएसएस अपनी स्थापना के बाद से ही भारतीय संस्कृति की रक्षा और युवाओं को संगठित करने तथा उनमें देशभक्ति के विचारों को भरने का उल्लेखनीय कार्य कर रहा है।"
उन्होंने कहा कि आरएसएस समाज सेवा के कार्यों को गति देकर हर वर्ग को सशक्त बना रहा है तथा अपने शैक्षिक प्रयासों के माध्यम से देश के कल्याण के लिए समर्पित देशभक्तों का निर्माण कर रहा है।
गृह मंत्री ने देशवासियों को विजयादशमी की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि विजयादशमी अधर्म पर धर्म और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक है।
उन्होंने हिंदी में संदेश में कहा, "विजयादशमी का यह पर्व सभी को अपने भीतर की बुराइयों को खत्म करने और धर्म व मानवता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। भगवान श्री राम सभी का कल्याण करें। जय श्री राम।"
विजयादशमी दुर्गा पूजा के समापन का प्रतीक है और यह राक्षस राजा रावण पर भगवान राम की जीत का प्रतीक है। एक अलग संदेश में, शाह ने भाजपा नेता राजमाता विजयाराजे सिंधिया को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि भी दी।
उन्होंने कहा कि वह सादगी की प्रतिमूर्ति थीं और आपातकाल के दौरान उनके साहस और संघर्ष ने लोकतंत्र की बहाली में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। उन्होंने कहा, "देश राजमाता सिंधिया जी की देश के प्रति निष्ठा और जनकल्याण के लिए उनके कार्यों को सदैव याद रखेगा।"
ग्वालियर राजघराने से ताल्लुक रखने वालीं सिंधिया भाजपा उपाध्यक्ष और सांसद थीं। उनका जन्म 12 अक्टूबर 1919 को हुआ था।