संसदीय कार्य मंत्री प्रह्लाद जोशी ने शुक्रवार को कहा कि भाजपा सांसद रमा देवी के लिए आपत्तिजनक टिप्पणी करने के मामले में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला सपा सदस्य आजम खान से सदन में माफी मांगने के लिये कहेंगे।
लोकसभा के स्पीकर की अध्यक्षता में विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक में यह तय हुआ कि खान को माफी मांगना चाहिए या फिर वह कार्रवाई के लिये तैयार रहें। जोशी ने कहा, ‘‘ स्पीकर द्वारा आजम खान से रमा देवी के प्रति उनकी टिप्पणी के लिये सदन में बिना शर्त माफी मांगने के लिये कहा जाएगा। अगर वह (आजम) ऐसा नहीं करते हैं तब स्पीकर को आगे की कार्रवाई के लिये अधिकृत किया गया है।’’
लोकसभा में भाजपा, कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राकांपा सहित सभी दलों ने गुरूवार को पीठासीन सभापति रमा देवी के बारे में सपा सांसद आजम खान की टिप्पणी की शुक्रवार को पार्टी लाइन से हटकर कड़ी भर्त्सना करते हुए इसे ‘कुटिल, दुर्भावनापूर्ण, अपमानजनक’ बताया तथा स्पीकर से इस मामले में ‘कठोरतम’ कार्रवाई करने की मांग की। इस मामले पर शून्यकाल में निचले सदन में विभिन्न दलों की महिला सांसदों समेत कई दलों के नेताओं ने करीब एक घंटे तक सपा सदस्य की टिप्पणी पर अपना कड़ा विरोध जताया। महिला सांसदों ने स्पीकर से ऐसी कार्रवाई करने की मांग की जो ‘नजीर’ बन सके। वहीं, रमा देवी ने कहा कि उन्हें लोकसभा से पूरे पांच वर्ष के लिये निलंबित किया जाना चाहिए।
दरअसल, गुरुवार को चर्चा के दौरान सपा सांसद आजम खान ने भाजपा सांसद रमा देवी को लेकर विवादित टिप्पणी की थी। इस दौरान शिवहर (बिहार) से सांसद रमा देवी बतौर स्पीकर की कुर्सी पर बैठी हुई थीं। आजम के बयान पर रमा देवी ने भी आपत्ति जताई थी।
आज सदन की कार्रवाही शुरू होते ही खान के बयान पर भाजपा सांसदों की ओर से कार्रवाई की मांग जोर पकड़ने लगी। केंद्रीय मंत्री स्मृति इरानी ने कहा, 'मेरे सात साल के संसदीय कार्यकाल में आज तक किसी पुरुष ने सदन में इस तरह की हिमाकत नहीं की। यह विषय महिला का नहीं है। इस सदन में और दूसरे सदन में भी कई पुरुषों ने अपने सामाजिक, राजनीतिक कार्यकाल में महिलाओं के संरक्षण के लिए आवाज उठाई है। यह महिला नहीं, पुरुषों का भी अपमान है।' केंद्रीय मंत्री ने कहा कि यह ऐसा सदन नहीं कि जहां पुरुष किसी महिला की आंखों में झांकने के लिए आते हैं। यह पूरा देश ने देखा है कि कैसे यह सदन शर्मसार हुआ। इस सदन में बातचीत विशेषाधिकार होती है, अगर महिला के साथ ऐसी बदतमीजी सदन के बाहर होती, तो वह पुलिस का संरक्षण मांगती। हम चुपचाप बैठकर मूकदर्शक नहीं बन सकते।
भाजपा नेता रविशंकर प्रसाद ने भी विरोध जताते हुए कहा कि जिस तरह की भाषा का उपयोग किया गया वह शर्मनाक है। उन्होंने कहा, 'माननीय रमा जी वरिष्ठ और सुलझी हुई नेता हैं। वह अध्यक्ष की कुर्सी पर बैठी थीं। उनके खिलाफ जो टिप्पणी की गई वह इतने शर्मिंदगी भरे थे कि बोल नहीं सकता हूं। आजम को या तो माफी मांगें या फिर उनको सदन से अंदर आने पर सस्पेंड किया जाए।
सदन की सहमति से स्पीकर करें कार्रवाई: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा कि हम सभी को एक सुर में महिला सम्मान के लिए कड़ा होना चाहिए और उसके पीछे कोई शर्त न हो। वित्त मंत्री ने कहा कि स्पीकर को इस बारे में फैसला लेना चाहिए, साथ ही सदन की सहमति से कार्रवाई करनी चाहिए। भविष्य में ऐसी कोई घटना न हो और किसी महिला का इस तरह से सदन में अपमान न हो।
दूसरे दलों की महिला सांसदों ने भी किया विरोध
टीएमसी की सांसद मिमी चक्रवर्ती ने कहा कि कल जो हुआ वह ठीक नहीं था, इसके खिलाफ हम सभी को एक साथ आना चाहिए। उन्होंने कहा कि स्पीकर हम सभी के साथ खड़े होकर फैसला करेंगे। वहीं डीएमके सांसद कनिमोझी ने कहा कि महिला सांसद का कल अपमान हुआ है और इसकी घोर निंदा की जानी चाहिए। अनुप्रिया पटेल ने कहा कि कल की घटना से न केवल सदन बल्कि पूरा देश शर्मसार हुआ है। एनसीपी की सुप्रिया सुले ने आजम के बयान की निंदा करते हुए कहा कि ऐसी भाषा किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं होनी चाहिए, क्योंकि आने वाली पीढ़िया इसका पालन करेंगे, उन्होंने कहा कि किसी को भी सदन में किसी महिला के बारे में ऐसी टिप्पणी का हक नहीं है। सुले ने कहा कि उम्मीद है कि स्पीकर कड़ी कार्रवाई करेंगे और सदन को इस विषय पर एकमत रहना चाहिए।
अधीर रंजन बोले- जिनकी शिकायत उनका पक्ष भी सुना जाए
अधीर रंजन ने कहा कि महिला के अपमान का समर्थन कोई नहीं करता। चौधरी ने कहा कि जिन लोगों के खिलाफ शिकायत की जा रही है, उनका पक्ष हम लोगों को सुनने को नहीं मिलता। कांग्रेस सांसद ने कहा कि जिनके खिलाफ शिकायत है उनका पक्ष भी जान लेना चाहिए, हम किसी का समर्थन नहीं कर रहे हैं, न ही किसी की रक्षा करने के लिए खड़ा हुआ है। संसद की विशेषाधिकार कमेटी जो फैसला लेगी, हम सभी उससे सहमत होंगे।