कांग्रेस की अगुवाई वाली राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की सरकार अपनी कुर्सी बजाने में जुटी हुई है। पार्टी में बगावत के रूख अख्तियार करने वाले उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट और उनके दो समर्थक मंत्री को पद से हटा दिया गया है। गहलोत का दावा है कि उनके पास पूर्ण बहुमत है। जिसको लेकर विपक्षी पार्टी ने मांग की है कि सीएम अशोक गहलोत विधानसभा में अपनी सरकार के बहुमत को साबित करने के लिए फ्लोर टेस्ट कराएं।
भाजपा ने यह भी आरोप लगाया कि विधायकों के आवासों को पुलिस निगरानी में रखा जा रहा है और भारतीय आदिवासी पार्टी (बीटीपी) के विधायकों को धमकी दी गई है। विपक्षी नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि कांग्रेस पहले फ्लोर टेस्ट में बहुमत साबित करें, उसके बाद कैबिनेट में फेरबदल की जाएं। वहीं, डिप्टी नेता राजेंद्र राठौर ने दावा किया कि गहलोत सरकार विधानसभा में बहुमत साबित नहीं कर पाएगी। सरकार अल्पमत में है।
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राज्य की विधानसभा में कुल दो सौ सीटें हैं। इसमें से कितने विधायक गहलोत खेमे के समर्थक हैं, इसी के मुताबिक राज्य में गहलोत सरकार पर संकट कम हो सकता है। भाजपा के पास अभी 72 विधायक है। कांग्रेस का दावा है कि उसके पास 109 विधायक हैं। विधायकों को होटल में रखा गया है।