जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद 370 हटाए जाने का मामला फिर गरमाता दिखाई दे रहा है। राज्य के सभी बड़े राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए साथ आने की घोषणा की है। जम्मू-कश्मीर के राजनीतिक दलों ने शनिवार को इसका घोषणा पत्र जारी किया। इस पर पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस नेता पी चिदम्बरम ने भी प्रतिक्रिया दी है।
राजनीतिक दलों की ओर से जारी संयुक्त बयान में अनुच्छेद 370 और राज्य की पूर्व स्थिति बहाल करने मांग की गई है। इस घोषणा का कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी. चिदंबरम ने स्वागत किया है। उन्होंने इस एकजुटता के लिए उन 6 दलों को सलाम किया है।
चिदंबरम ने रविवार को ट्वीट किया, अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए एकजुट हुईं मुख्यधारा की पार्टियों की एकता और जज्बे को सलाम। मेरी उनसे अपील है कि वे अपनी मांग के लिए डटकर खड़े हों।
उन्होंने लिखा कि स्वयंभू राष्ट्रवादियों की आलोचनाओं को नजरंदाज करें जो इतिहास पढ़ते नहीं हैं बल्कि इतिहास को दोबारा लिखने का प्रयास करते हैं। देश के संविधान में राज्यों के विशेष प्रावधानों के कई उदाहरण हैं। सरकार यदि विशेष प्रावधानों का विरोध करेगी तो नगा मुद्दे को कैसे निपटाया जा सकता है?
गौरतलब है कि अनुच्छेद 370 की बहाली के लिए दलों ने जो घोषणा पत्र बनाया है उसमें नेशनल कॉन्फ्रेंस के फारूक अब्दुल्ला, पीडीपी की महबूबा मुफ्ती, जेकेपीसीसी के जीए मीर, माकपा के एमवाई तारीगामी, जेकेपीसी के सज्जाद गनी लोन, जेकेएएनसी के मुजफ्फर शाह के नाम शामिल हैं। इन पार्टियों के संयुक्त बयान में कहा गया है कि केंद्र सरकार के निर्णय के बाद से राजनीतिक दलों ने बड़ी मुश्किल से बुनियादी स्तर की बातचीत करने का प्रयास किया है। इस बैठक में एक प्रस्ताव पास किया गया है। बयान में कहा गया है कि 5 अगस्त 2019 की घटना ने केंद्र सरकार और जम्मू-कश्मीर के रिश्ते को पूरी तरह से बदल दिया है। हम सभी संविधान के तहत जम्मू-कश्मीर का विशेष दर्जा बहाल करने के लिए सामूहिक रूप से लड़ने के लिए अपनी प्रतिबद्धता दोहराते हैं।