हाल ही में मंत्रीमंडल में विस्तार और थोड़े बदलाव में शिवराज सिंह चौहान संघ की सलाह की अनदेखी की है ऐसी खबरें आ रही थी। लेकिन जब शिवराज सिंह चौहान नागपुर में संघ प्रमुख मोहन भागवत और भैयाजी जोशी के साथ बात कर बाहर निकले तो उनके चेहरे पर परेशानी के भाव थे। कारण है कि संघ नहीं चाहता था कि संजय पाठक मंत्री बने और विजय शाह को स्कूली शिक्षा विभाग दिया जाए। जब शिवराज को लगा कि संघ ने कठोर रवैया अपना लिया है तो उन्होंने फौरन नागपुर यात्रा की। वह संघ से कोई टकराव नहीं चाहते हैं।
माना जा रहा है कि अरविंद मेनन के कार्यकाल में बहुत सी अनियमितताएं थीं जिनसे संघ नाराज था। यही वजहल है कि कुछ चेहरों को संघ नापसंद करता है और शिवराज की टीम में उन चेहरों को देखना नहीं चाहता। वैसे भी संघ मध्यप्रदेश को अपनी विचारधारा को बहुत करीब मानता है और एक तरह से यह उनका ‘ड्रीम राज्य’ है। चर्चा यह भी है कि संघ शिवराज के विकल्प के रूप में केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर को देख रहा है।
वाया नागपुर मध्यप्रदेश में संगठन मंत्रियों के स्तर पर कुछ बदलाव होना है जिसमें अरविंद मेनन के करीबी लोगों ने अडंगा लगा दिया है। संभव है ऐसे चिन्हित लोगों की जल्द ही सत्ता-संगठन से बाहर का रास्ता दिखा दिया जाए।