कांग्रेस नेता सैफुद्दीन सोज ने जम्मू-कश्मीर को लेकर एक बार फिर से विवादित बात कही है। सोज ने अपनी किताब 'कश्मीर: ग्लिम्पसेज ऑफ हिस्ट्री एंड द स्टोरी ऑफ स्ट्रगल' के लॉन्च के मौके पर कहा कि सरदार पटेल व्यावहारिक थे और लियाकत अली खान (तत्कालीन पाकिस्तान प्रधानमंत्री) को कश्मीर की पेशकश की थी।
एएनआई के मुताबिक, सोज ने कहा, 'सरदार पटेल ने पाकिस्तान के तत्कालीन प्रधानमंत्री लियाकत अली खान को कश्मीर की पेशकश की थी। पटेल ने लियाकत से कहा था कि हैदराबाद के बारे में बात मत करो, अगर आप चाहो तो कश्मीर ले लो। लियाकत अली खान युद्ध की तैयारी में था, लेकिन सरदार पटेल ऐसा नहीं चाहते थे।'
इससे पहले 22 जून को अपनी किताब के हवाले से सैफुद्दीन सोज ने कश्मीर पर पाकिस्तान के पूर्व राष्ट्रपति परवेज मुशर्रफ के कश्मीर की ‘आजादी’ वाले विचार का समर्थन किया था। हालांकि विवाद बढ़ने के बाद कहा था बलप्रयोग से कश्मीर मुद्दे का समाधान नहीं हो सकता, बल्कि बातचीत से ही कोई रास्ता निकलेगा।
बुक लॉन्च में नहीं पहुंचे मनमोहन सिंह, पी चिदंबरम
सोज की जम्मू-कश्मीर पर विवादित पुस्तक के लॉन्च से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम सरीखे बड़े नेता दूर रहे। कश्मीर की आजादी के समर्थक सोज के बयानों को पहले ही खारिज कर चुकी कांग्रेस ने सियासी डैमेज कंट्रोल के लिए अपने बड़े नेताओं को विमोचन समारोह में जाने से रोक दिया हालांकि जयराम रमेश वहां पहुंचे।
कांग्रेस ने सोज के बयान से किया था किनारा
सैफुद्दीन सोज की किताब में कश्मीर के संदर्भ में की गई बात को खारिज करते हुए कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि किताब बेचने के लिए सोज के सस्ते हथकंडे अपनाने से यह सत्य नहीं बदलने वाला है कि जम्मू-कश्मीर भारत का अभिन्न हिस्सा है। सुरजेवाला ने कहा कि कांग्रेस की जम्मू-कश्मीर इकाई सोज के खिलाफ उचित कार्रवाई करेगी।
घाटी में मोजूदा हालत के लिए केंद्र सरकार जिम्मेदार: सोज
किताब को लेकर खड़े हुए विवाद के बीच सोज ने बातचीत में कहा, 'किताब में जो बातें मैंने कहीं, वो मेरी निजी राय है। पार्टी से इसका कोई लेना देना नहीं है। इसको राजनीति से न जोड़िए।' यूपीए सरकार में मंत्री रहे सोज ने यह भी दावा किया कि घाटी में मौजूदा हालात के लिए भाजपा नीत केंद्र सरकार की नीतियां जिम्मेदार हैं।
कश्मीर मुद्दे के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच बातचीत की पैरवी करते हुए सोज ने कहा, ‘केंद्र सरकार को रास्ता निकालना चाहिए। यह रास्ता बातचीत का है। अगर कश्मीर के लोगों को राहत होगी तो हिंदुस्तान और पाकिस्तान दोनों अच्छे पड़ोसी की तरह रह सकेंगे।’
उन्होंने कहा, ‘भारत और पाकिस्तान पड़ोसी देश हैं और दोनों परमाणु हथियारों वाले देश हैं। दोनों ज्यादा समय तक दुश्मनी में नहीं रह सकते। इसलिए मजबूत कदम उठाए जाने चाहिए। बातचीत होनी चाहिए।’
जम्मू-कश्मीर में नई सरकार के गठन की संभावना पर सोज ने कहा, ‘अगर नेशनल कांफ्रेंस, कांग्रेस और पीडीपी के कुछ लोग साथ आ सकते हैं तो मिल बैठकर और बात करके सरकार बना सकते हैं। सरकार बन सकती है और फिर वह सरकार वक्त आने पर चुनाव कराए।’ उन्होंने कहा कि कश्मीर के लोगों के लिए शांतिपूर्ण माहौल की स्थापना जरूरी है, जिससे यहां के लोग शांति से रह सकें।
अमित शाह ने कांग्रेस को घेरा
बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि उनकी पार्टी कभी भी जम्मू-कश्मीर को देश से अलग किए जाने की अनुमति नहीं देगी। उन्होंने आतंकवादियों के समान विचार रखने के लिए कांग्रेस नेता गुलाम नबी आजाद और सैफुद्दीन सोज की आलोचना की।
शाह ने कहा, ‘श्रीमान सोज आप सैकड़ों जन्म लेंगे, लेकिन बीजेपी कश्मीर को भारत से अलग नहीं होने देगी।’ उन्होंने यहां एक जन सभा में कहा, ‘जम्मू - कश्मीर देश का अभिन्न हिस्सा है और श्यामा प्रसाद मुखर्जी ने अपनी कुर्बानी देकर इसे एक किया है।’
जम्मू- कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री गुलाम नबी आजाद ने हाल में कहा था कि सुरक्षा बल घाटी में आतंकवादियों से ज्यादा नागरिकों को मार रहे हैं। शाह ने कहा कि आजाद के बयान के तुरंत बाद लश्कर ए तैयबा ने बयान जारी कर उनका समर्थन किया।
उन्होंने कहा कि राहुल गांधी को गुलाम नबी आजाद और सोज को देश के लोगों से माफी मांगने के लिए कहना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘मैं जम्मू - कश्मीर के लोगों को फिर से आश्वस्त करना चाहता हूं कि कोई भी इसे भारत से अलग नहीं कर सकता।’
Sardar Patel was pragmatist & offered Kashmir to Liaquat Ali Khan (then Pak PM). He told him 'don't talk of Hyderabad, talk Kashmir; take Kashmir, but don't talk of Hyderabad' as Khan was preparing for war & Patel wasn't: Saifuddin Soz, Congress during his book launch (25.06.18) pic.twitter.com/etsGZGulKf
— ANI (@ANI) June 26, 2018