लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने मंगलवार को आरोप लगाया कि सरकार ने ‘‘कुर्सी बचाओ’’ बजट पेश किया है जिसमें भारतीय जनता पार्टी को खुश करने के लिए दूसरे राज्यों की कीमत पर खोखले वादे किए गए हैं। उन्होंने यह दावा भी किया कि यह बजट कांग्रेस के चुनावी घोषणापत्र और पिछले कुछ बजट की नकल है।
राहुल गांधी ने इस बजट को सहयोगियों को खुश करने वाला बताया है। उन्होंने कहा, बजट में अन्य राज्यों की कीमत पर उनसे (सहयोगियों) खोखले वादे किए गए। राहुल ने कहा, ये बजट अपने मित्रों को खुश करने के लिए लाया गया है। इससे AA (अडानी अंबानी) को लाभ होगा और आम भारतीय को कोई राहत नहीं मिलेगी। इतना ही नहीं राहुल गांधी ने इस बजट को कॉपी पेस्ट करार दिया। राहुल ने दावा किया कि बजट कांग्रेस के घोषणा पत्र और पिछले बजट से कॉपी किया गया है।
“Kursi Bachao” Budget.
- Appease Allies: Hollow promises to them at the cost of other states.
- Appease Cronies: Benefits to AA with no relief for the common Indian.
- Copy and Paste: Congress manifesto and previous budgets.
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) July 23, 2024
बजट पर क्या बोले खड़गे?
उधर, कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी इसे कॉपी पेस्ट बजट करार दिया। खड़गे ने ट्वीट कर कहा, कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का नकलची बजट। मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी रेवड़ियां बांट रहा है, ताकि एनडीए बची रहे। ये देश की तरक्की का नहीं मोदी सरकार बचाओ बजट है।
खड़गे ने आगे कहा कि बजट में न कोई प्लान है और भाजपा केवल जनता से धोखेबाजी करने के एक्शन में व्यस्त है।
कांग्रेस के न्याय के एजेंडे को ठीक तरह से कॉपी भी नहीं कर पाया मोदी सरकार का "नकलची बजट" !
मोदी सरकार का बजट अपने गठबंधन के साथियों को ठगने के लिए आधी-अधूरी "रेवड़ियां" बाँट रहा है, ताकि NDA बची रहे।
ये "देश की तरक्की" का बजट नहीं, "मोदी सरकार बचाओ" बजट है !
1⃣10 साल बाद…
— Mallikarjun Kharge (@kharge) July 23, 2024
कांग्रेस सांसद रणदीप सुरजेवाला ने केंद्रीय बजट पर कहा, "यह बजट 'झुनझुना बजट' है। मोदी 3.O के पहले बजट में सिर्फ निराशा और हताशा है। किसानों के लिए कोई राहत नहीं है... इस बजट में रोजगार सृजन का कोई जिक्र नहीं है... SC, ST और OBC को इस बजट से पूरी तरह से खत्म कर दिया गया... मध्यम वर्ग और मजदूर वर्ग को पिछले 10 सालों से टैक्स छूट में कोई राहत नहीं मिली है..."।