सोमवार को जारी लोकसभा चुनाव 2019 के पांचवें चरण की वोटिंग के बीच बड़ी खबर आई है। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर ने सोमवार को उत्तर प्रदेश के कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने भाजपा पर अपनी पार्टी के नाम और चिन्ह का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया है। राजभर ने कहा कि उन्होंने 13 अप्रैल को ही इस्तीफा दे दिया था, मुझे अब सरकार से कोई लेना-देना नहीं है।
राजभर की पार्टी राज्य में 39 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार भी उतार चुकी है। इसमें वाराणसी, लखनऊ और गोरखपुर सीटें भी शामिल हैं। राजभर लंबे समय से बीजेपी से नाराज चल रहे थे।
'भाजपा से कोई रिश्ता नहीं है'
उत्तर प्रदेश के पिछड़ा वर्ग कल्याण एवं दिव्यांग जन सशक्तिकरण मंत्री राजभर ने बलिया जिले के सिकन्दरपुर में संवाददाताओं से बातचीत करते हुए दावा किया है कि भाजपा सरकार से उन्होंने इस्तीफा दे दिया है तथा उनका भाजपा से कोई रिश्ता नहीं है। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि इस्तीफा स्वीकार करना भाजपा सरकार का काम है।
‘13 अप्रैल की रात को ही दे दिया था इस्तीफा’
राजभर ने कहा, '13 अप्रैल की रात को राज्य मंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था, जब उन्होंने (भाजपा) कहा कि आप हमारे चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ें, तो मैंने उनसे कहा कि हम अपने चिन्ह पर लड़ेंगे और हम 1 सीट पर लड़ेंगे। लेकिन वे इसके लिए सहमत नहीं थे। इस्तीफा स्वीकार नहीं किया, चुनाव आयोग से शिकायत दर्ज कराई है।'
राजभर ने बीजेपी पर लगाया आरोप
राजभर ने आरोप लगाया कि बीजेपी चुनाव में उनकी पार्टी के नाम और झंडे का दुरुपयोग कर रही है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रोड शो के दौरान भी उनका इस्तेमाल किया गया था। उन्होंने कहा, मैंने इस संबंध में चुनाव आयोग में शिकायत दर्ज कराई है।
'गठबंधन पार्टी राज्य में बीजेपी से अधिक सीटें जीतेंगी'
एसबीएसपी प्रमुख ने दावा किया कि सपा-बसपा-आरएलडी गठबंधन राज्य में बीजेपी से अधिक सीटें जीतेंगे। उन्होंने यह भी दावा किया कि कांग्रेस प्रमुख राहुल गांधी के लगातार हमलों से बीजेपी चिंतित है।
‘मैं बीजेपी का नेता नहीं, हमारी अलग पार्टी है’
पिछले दिनों राजभर ने कहा था, ‘मैं बीजेपी का नेता नहीं, हमारी अलग पार्टी है। पूर्वांचल में हमारी ताकत को देखते हुए बीजेपी ने हमें अपने साथ लिया। हम किसी की कृपा से नहीं, लड़ाई लड़कर मंत्री बने हैं। इसलिए सच बोलते हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री से जनता के हितों के लिए मेरी वैचारिक लड़ाई है’।
‘जब चुनाव नजदीक आता है तो बीजेपी को सहयोगी दल याद आते हैं’
ओमप्रकाश राजभर ने भारतीय जनता पार्टी को चेतावनी दी थी। उन्होंने कहा था कि अगर प्रदेश में ओबीसी को 27 फीसदी आरक्षण नहीं दिया गया तो उनकी पार्टी एनडीए से अलग हो जाएगी। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ने कहा था, ‘जब चुनाव नजदीक आता है तो बीजेपी को सहयोगी दल याद आते हैं। इस बार बिल्ली मट्ठा भी फूंककर पीएगी’।
इससे पहले मंत्री पद से दिया था इस्तीफा
इससे पहले फरवरी महीने में राजभर ने मंत्री पद से इस्तीफा दिया था, तब योगी आदित्यनाथ ने उसे स्वीकार नहीं किया था। उस समय इस्तीफा देने के वक्त राजभर ने कहा था कि जब उन्हें अपने ही विभाग से जुड़े पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग में अपने पसंदीदा लोगों को रखने का अधिकार नहीं है तो विभागीय मंत्री होने का क्या औचित्य है।
योगी सरकार की कर चुके हैं आलोचना
बता दें कि राजभर कई मौकों पर योगी सरकार की आलोचना कर चुके हैं। राजभर ने पहले कहा था कि वह राहुल गांधी को प्रधानमंत्री बनने के काबिल पाते हैं। अंतिम फैसला लोगों के हाथ में है और वे तय करेंगे कि भारत का अगला प्रधानमंत्री कौन होगा। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने उत्तर प्रदेश में लोकसभा चुनाव के लिए 39 उम्मीदवार भी उतारे हैं।
पीएम मोदी पर साधा था निशाना
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा था, 'जब पिछड़ों ने साथ छोड़ा तो प्रधानमंत्री जी अति पिछड़ी जाति का बताने लगे लेकिन जब मैं इन अति पिछड़ों के अधिकार के बारे में बोलता था कि आजादी के बाद से अति पिछड़ा समाज अपने अधिकार से वंचित रहा है, 27% आरक्षण इन अतिपिछड़ों को नही मिल रहा है। सामाजिक न्याय समिति की रिपोर्ट लागू करने के लिए हमने कहा था, जो फाइल यूपी सरकार के पास पड़ी है। लागू होने से इनके बेटा-बेटी विकास के रास्ते पर आ जाते लेकिन यह बातें याद नहीं आयीं। आज अति पिछड़ों के सहारे अपना बेड़ा पार करना चाहते है। अब अति पिछड़ा जाग चुका है। अब धोखा नही खाएगा, कितना भी आप आंसू बहा लें हिस्सा नहीं तो वोट नही।'