कर्नाटक में सत्तारूढ़ कांग्रेस और जेडीएस(एस) गठबंधन ने भाजपा को ‘‘साझा शत्रु'' बताते हुए कहा कि राज्य में उनका गठबंधन देशभर की धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के लिए एक संदेश है कि वह अगले लोकसभा चुनाव में ‘‘सांप्रदायिक ताकतों'' को हराने के लिए एकजुट हो जाये।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, राज्य की तीन लोकसभा सीटों और दो विधानसभा सीटों के तीन नवम्बर को होने वाले उपचुनाव के मद्देनजर एकजुटता जाहिर करते हुए कांग्रेस और जेडी (एस) नेताओं ने पार्टी कार्यकर्ताओं से भाजपा को हराने के लिए एकजुट होने की अपील की। जेडी (एस) के प्रमुख और पूर्व प्रधानमंत्री एच डी देवगौड़ा ने कहा, ‘‘हमारा लक्ष्य राज्य और देश में धर्मनिरपेक्ष व्यवस्था की जड़ों को मजबूत करना है और इस प्रकार केन्द्र में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व वाली मौजूदा सरकार से छुटकारा पाना है जो इस देश में कई मुद्दों के लिए जिम्मेदार है।''
गठबंधन सहयोगियों द्वारा आयोजित एक संयुक्त संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा, ‘‘यह सिर्फ शुरूआत है। हम यह उप-चुनाव एकसाथ जीतेंगे। यद्यपि हमने अतीत में एक-दूसरे के खिलाफ लड़ाई लड़ी है, फिर भी हम उन सांप्रदायिक ताकतों और व्यवस्था को पराजित करने के लिए एक साथ लड़ेंगे जो हमारे समाज को विभाजित करना चाहते हैं।'' इस संवाददाता सम्मेलन में मुख्यमंत्री एच डी कुमारस्वामी, पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया, राज्य के कांग्रेस प्रमुख दिनेश गुंडू राव और उप मुख्यमंत्री जी परमेश्वर शामिल हुए।
तीन लोकसभा सीटों शिवमोगा, बेल्लारी और मांड्या तथा दो विधानसभा सीटों रामानगर और जामखंडी के लिए तीन नवम्बर को उपचुनाव होंगे। मतों की गिनती छह नवम्बर को होगी। गठबंधन समन्वय समिति के प्रमुख सिद्धारमैया ने कहा,‘‘यदि धर्मनिरपेक्ष ताकतें एकजुट रहेंगी तो भाजपा जीत हासिल नहीं कर सकती, लेकिन धर्मनिरपेक्ष वोट आमतौर पर विभाजित हो जाते हैं, इसलिए भाजपा को फायदा होता है। इसलिए हमें राज्य और राष्ट्रीय स्तर दोनों पर इन्हें रोकना होगा।"