कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने झारखंड में दस हजार आदिवासियों पर राजद्रोह के आरोप में मुकदमा दर्ज होने पर तीखा हमला बोला है। बुधवार को मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इस घटना से देश की अंतरात्मा को झटका लगना चाहिए था और मीडिया में तूफान खड़ा हो जाना चाहिए था लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ। उन्होंने आरोप लगाया कि मीडिया अपनी आवाज खो चुका है।
राहुल गांधी ने मीडिया रिपोर्ट का हवाला देते हुए ट्वीट किया, 'अगर किसी सरकार ने दस हजार आदिवासियों पर राजद्रोह कानून लगाया है तो हमारे देश की अंतरात्मा हिल जानी चाहिए थी, मीडिया में तूफान खड़ा हो जाना चाहिए था, लेकिन ऐसा नहीं हुआ। बिकाऊ मीडिया अपनी आवाज खो चुकी है, नागरिक होने के नाते क्या हम इसे बर्दाशत कर सकते हैं।'
'चिंताजनक है सरकार की कार्रवाई'
राहुल गांधी ने कहा कि क्या कोई सरकार 10 हजार आदिवासियों के खिलाफ कठोर राजद्रोह का मुकदमा दायर कर सकती है, जो सरकार के दमन के खिलाफ आवाज उठा रहे थे। एक देश के तौर पर ये हमारे लिए चिंताजनक है। एक रिपोर्ट के अनुसार, झारखंड पुलिस द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 124 ए के तहत 10,000 आदिवासियों पर मामला दर्ज किया गया था। बता दें कि मामला झारखंड के खूंटी जिले के पत्थलगड़ी आंदोलन से संबंधित है, जहां 2017 में गांवों में उत्कीर्ण पत्थर स्थापित किए गए थे जिस पर लिखा था कि संविधान की पांचवीं अनुसूची के तहत आदिवासी क्षेत्रों को विशेष स्वायत्तता मिली है।
पांच चरणों में होने हैं चुनाव
झारखंड में 30 नवंबर से पांच चरणों में विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। पहला चरण 30 नवंबर को है। यहां पर भाजपा का मुकाबला कांग्रेस, आरजेडी और जेएमएम के महागठबंधन से है। भाजपा का आजसू से गठबंधन टूट गया है। वहीं, कभी भाजपा में रहे पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी इस बार अलग चुनाव लड़ रहे हैं। जेडीयू और एलजेपी भी झारखंड में अलग से मैदान में हैं।