मध्यप्रदेश कांग्रेस के अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ के विंध्य अंचल को लेकर दिए गए कथित बयान और उस पर आज वरिष्ठ पार्टी नेता अजय सिंह की प्रतिक्रिया के बाद राज्य में कांग्रेस की राजनीति एक बार फिर गर्मा गयी है।
श्री सिंह ने विंध्य अंचल के सतना जिला मुख्यालय पर मीडिया से चर्चा के दौरान पत्रकारों के सवालों के जवाब में कहा कि पूर्ववर्ती कांग्रेस सरकार के पतन का ठीकरा विंध्य अंचल पर फोड़ना इस क्षेत्र का अपमान है। विधानसभा में विपक्ष के पूर्व नेता श्री सिंह ने कहा कि ये कहना सरासर गलत है अौर विंध्य अंचल का अपमान है। वर्ष 2013 के विधानसभा चुनाव में इस अंचल से 12 विधायक थे, जो राज्य में किसी भी संभाग से नहीं आए थे। वर्ष 2018 के चुनाव में किसी को कहने की जरुरत नहीं है। गिनती (मतगणना) के कितने दिन पहले कौन बांधवगढ़ में डेरा डाले था और क्या क्या हुआ।
विंध्य के लोगों के साथ षड़यंत्र हुआ था। इसके बावजूद राज्य में कांग्रेस की सरकार बनी। अब चल नहीं पायी। इसके लिए विंध्य क्षेत्र के लोगों के ऊपर ठीकरा फोड़ा जाए, उचित नहीं है। यहां के कार्यकर्ताओं और जनता का मनोबल ऐसी बातों से गिरता है।
श्री सिंह ने कहा कि इन मामलों में कोई भी व्यक्ति हो, थोड़ा संयम रखना चाहिए। चाहे श्री कमलनाथ हों, अजय सिंह हों या चाहे जो हों। कुछ ऐसे मुद्दे होते हैं, जिनके बोलने से तकलीफ हो जाती है और भाजपा तो ऐसे मौकों की तलाश ही करती रहती है। हम क्यों उन्हें (भाजपा) मौका दें।
गौरतलब है कि श्री कमलनाथ हाल ही में सतना जिले के मैहर की यात्रा पर पहुंचे थे। वहां पर उन्होंने कथित तौर पर एक बयान में कहा है कि हम विंध्य में कमजोर हैं। विंध्य में ऐसा रिजल्ट (विधानसभा चुनाव नतीजे) नहीं होता, तो हमारी सरकार बनी रहती। विधायकों की सौदेबाजी से हमारी सरकार नहीं गिरी। विंध्य का जो रिजल्ट आया, 31 में से 20 सीटें आयीं। अगर ऐसी हालत नहीं होती तो हमारी सरकार रहती।
श्री कमलनाथ के इस कथित बयान के संबंध में एक वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुआ है।