विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और आईपीएल के पूर्व आयुक्त ललित मोदी के संबंधों को लेकर कांग्रेस उपाध्यक्ष ने जो रणनीति बनाई थी उसका कांग्रेस के कई सांसदों ने दबे स्वर में विरोध भी किया। जिसमें पूर्व विदेश राज्य मंत्री शशि थरूर का भी नाम सामने आया। सूत्राें के मुताबिक संसद सत्र में सुषमा स्वराज, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे के इस्तीफे को लेकर कांग्रेस ने जो रणनीति बनाई थी उसका पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने यह कहकर विरोध किया कि बार-बार संसद ठप्प करने से गलत संदेश जाएगा। जिसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने शशि थरूर को फटकार लगाई।
दरअसल थरूर सहित कई सांसद चाहते थे कि विरोध की राजनीति न करें बल्कि मुद्दों की बात हो। लेकिन राहुल गांधी आक्रामक ढंग से भाजपा नेताओं के विरोध का मन बना चुके थे जिसका समर्थन कांग्रेस अध्यक्ष ने भी किया। कांग्रेस के एक सांसद के मुताबिक दरअसल पुरानी पीढ़ी के कई नेताओं को राहुल की रणनीति को लेकर संशय है। इसलिए वह दबे स्वर में विरोध कर रहे हैं। लेकिन थरूर ने इस पर असहमति जताते हुए कहा कि लगातार संसद की कार्यवाही रोकने से गलत संदेश जाएगा। अपनी पार्टी की ही रणनीति के खिलाफ थरूर का यह बयान कांग्रेस अध्यक्ष को अच्छा नहीं लगा। उसके बाद सोनिया गांधी ने थरूर से कहा कि आप हमेशा ऐसी ही बात करते हैं। सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस अध्यक्ष्ा ने थरूर को नसीहत देकर पार्टी के अन्य नेताओं को यह संदेश दिया है कि भविष्य में कोई अनुशासन तोड़ेगा तो ठीक नहीं होगा।
दरअसल कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को जब से पार्टी की कमान देने की बात चलने लगी तबसे पार्टी के कई वरिष्ठ नेता उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। बताया जा रहा है कि पार्टी के पुराने नेता नहीं चाहते हैं कि राहुल को अभी कमान दी जाए। इसलिए वह समय-समय पर राहुल के फैसलों की आलोचना भी करते रहते हैं।