केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मंगलवार को कहा कि हुर्रियत कॉन्फ्रेंस के दो घटकों - ‘जम्मू कश्मीर पीपुल्स मूवमेंट’ और ‘डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट’ ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने ट्वीट कर कहा कि कश्मीर में अलगाववाद अब इतिहास बन चुका है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार की एकीकरण नीतियों ने अलगाववाद को जम्मू-कश्मीर से बाहर निकाल दिया है। हुर्रियत के दो संगठनों, जेएंडके पीपुल्स मूवमेंट और डेमोक्रेटिक पॉलिटिकल मूवमेंट ने अलगाववाद से सभी संबंध तोड़ने की घोषणा की है। मैं भारत की एकता को मजबूत करने की दिशा में इस कदम का स्वागत करता हूं और ऐसे सभी समूहों से आग्रह करता हूं कि वे आगे आएं और अलगाववाद को हमेशा के लिए खत्म करें।
इससे पहले संसद में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दोहराया कि कश्मीर में अलगाववादियों द्वारा पथराव और बंद का आह्वान अब अतीत की बात हो गई है। उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 के अधिकतर प्रावधानों को हटाए जाने के बाद से क्षेत्र में महत्वपूर्ण परिवर्तन आया है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद से जुड़ी घटनाओं में 70% की कमी आई है। गृह मंत्रालय (एमएचए) के कामकाज पर चर्चा के दौरान, शाह ने इस बात पर जोर दिया कि 2019 में अनुच्छेद 370 को हटाने से जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में स्थिरता, आर्थिक प्रगति और सुरक्षा आई है।
उन्होंने कहा कि अनुच्छेद 370 को खत्म करके, मोदी के नेतृत्व वाली सरकार ने संविधान निर्माताओं के सपने को पूरा किया, जिसे उन्होंने "अस्थायी प्रावधान" कहा था। राज्यसभा में बोलते हुए शाह ने जम्मू-कश्मीर में हुए प्रमुख बदलावों पर प्रकाश डाला और कहा, "34 साल तक सिनेमा हॉल बंद रहे और मुहर्रम के जुलूसों की अनुमति नहीं थी। आज सिनेमा हॉल चालू हैं, मुहर्रम के जुलूस निकलते हैं और लोग शांति से रहते हैं।" उन्होंने कश्मीर में आयोजित सफल जी-20 शिखर सम्मेलन का भी हवाला देते हुए कहा कि इसने इस क्षेत्र को वैश्विक पर्यटन मानचित्र पर ला खड़ा किया।