गौर हो कि ओडिशा में 2019 में चुनाव होने है। अभी वहां के स्थानीय चुनावों में भाजपा ने भारी जीत हासिल की है। कार्यकारिणी का आयोजन ओडिशा में करा पार्टी इस राज्य में भी अपनी सत्ता चाहती है।
केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने पार्टी अध्यक्ष के भाषण में कही गईं बातों से मीडिया को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिये अवगत कराया। उन्होंने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने अपने संबोधन में कहा कि इन चुनावों में क्षेत्रीय दलों को न हरा पाने का मिथक टूटा है। यूपी में कांग्रेस के साथ दोनों क्षेत्रीय दलों की हार हुई। यूपी में 403 में 325 सीट का जीतना इस बात का प्रमाणिक उदाहरण है कि यूपी की जनता निर्णायक रूप से भाजपा के साथ आई है। यह नतीजे जातिवाद, तुष्टिकरण और परिवारवाद की राजनीति की अस्वीकृति है।
शाह ने यह भी कहा कि 'देश की आजादी के बाद से नरेंद्र मोदी देश के सबसे लोकप्रिय नेता हैं। लोग उनमें विश्वास करते हैं'। उन्होंने कहा कि, 'हम यह अपेक्षा करते थे कि हारे हुए दल ईमानदारी से अपनी हार को स्वीकार करेंगे, लेकिन अब वो हारने का बहाना ढूंढ रहे हैं और उस बहाने में ईवीएम की चर्चा हुई है'। उन्होंने यह सवाल किया कि 'साल 2004-09 में जब यूपीए जीती तो क्या ईवीएम ठीक थी? यूपी में सपा और बसपा जीती और दिल्ली में भाजपा हारी तो क्या ईवीएम ठीक थी? इस तरह की बातें करना हार को ईमानदारी से स्वीकार करने की बजाय चुनाव आयोग के निरादर के समान है'।
रविशंकर प्रसाद ने बताया कि पार्टी अध्यक्ष ने राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में आह्वान करते हुए कहा कि आज भाजपा दुनिया की सबसे बड़ी पार्टी है, लेकिन अब भी देश में बहुत सारे क्षेत्र हैं, जहां भाजपा को आगे बढ़ना है। इसलिए आलस्य नहीं करना है और वर्किंग कमेटी के सारे लोग 15 दिन का समय संगठन को देंगे। बूथों पर जाएंगे और रहेंगे। खुद राष्ट्रीय अध्यक्ष भी बूथों पर जाएंगे।
इसके साथ ही अमित शाह ने यह भी घोषणा की कि वो आगामी सितंबर तक 95 दिन तक देशभर में दौरा करेंगे और कार्यकर्ताओं से मिलकर, उनसे बात कर संगठन को मजबूत बनाने की दिशा में काम करेंगे।