परमबीर सिंह ने सीएम उद्धव ठाकरे को लिखे पत्र में कहा है कि महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख की तरफ से सचिन वाजे को कहा गया था कि वे 100 करोड़ रुपये हर महीने की वसूली करें। जिसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में में तूफान आ गया है। लगातार विपक्ष की तरफ से एक तरफ उद्धव ठाकरे सरकार को घेरा जा रहा है। वहीं, शिवसेना प्रवक्ता संजय रावत ने रविवार को एक ट्वीट किया था जिसके बाद राज्य की राजनीति में कई सारी अटकलें शुरू हो गई थी। उन्होंने एक ट्वीट करते हुए कहा था कि हमको नए रास्तों की तलाश है। इस ट्वीट के कई सियासी मायने निकाले गए।
उसके बाद शरद पवार ने उपमुख्यमंत्री अजीत पवार और अन्य नेताओं के साथ बैठक की। जिसमें ये कयास लगाए जा रहे थे कि शरद पवार कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं। लेकिन ऐसा नहीं हुआ। उन्होंने बैठक के बाद कहा कि आरोप गंभीर है। इसकी जांच होनी चाहिए। लेकिन, उन्होंने जिसके कयास लगाए जा रहे थे कि शरद पवार इस्तीफे की मांग कर सकते हैं। ऐसा नहीं हुआ। अब शरद पवार खुले तौर पर गृहमंत्री देशमुख के बचाव में आ गए हैं। एनसीपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष शरद पवार ने दिल्ली में आयोजित एक प्रेसवार्ता में गृहमंत्री का बचाव किया है। उन्होंने कहा कि आरोपों में कोई दम नहीं है।
कल की शरद पवार की बैठक के एक दिन बाद संजय राउत ने अब केंद्र सरकार पर निशाना साधा है। साथ ही महाराष्ट्र सरकार का बचाव करते हुए राउत ने कहा है कि यदि हम इसी तरह से इस्तीफा लेते रहेंगे तो सरकार चलाने में मुश्किल हो जाएगी। आगे उन्होंने केंद्र पर सवाल उठाते हुए कहा है, "यदि किसी को केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करके महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगाने की उम्मीद है, तो मैं उन्हें चेतावनी दे रहा हूं - आप खुद उस आग में जल जाएंगे।"
मुंबई के ट्रांसर्फर किए गए पुलिस कमिश्वर परमबीर सिंह ने शनिवार को अपनी चिट्ठी में आरोप लगाया कि अनिल देशमुख पुलिस अधिकारियों को अपने आवास पर बुलाया करते हैं और उन्हें बार, रेस्तरां और दूसरे जगहों से वसूली का टारगेट देते हैं। वहीं इस पूरे मामले पर एनसीपी नेता अनिल देशमुख ने कहा कि परमबीर सिंह सचिन वाजे मामले में खुद को बचाने के लिए झूठे आरोप लगा रहे हैं। इस चिट्ठी के बाद महाराष्ट्र की सियासत में भूचाल आ गया जिसके बाद से बीजेपी अघाड़ी सरकार पर हमलावर है और देशमुख के इस्तीफे की मांग कर रही है।