कांग्रेस ने आरोप लगाया है कि सीबीआई के बाद अब मोदी सरकार ने आरबीआई की स्वायत्तता पर हमला किया है। दशकों से अच्छा काम करने वाले आरबीआई को भी अब स्वतंत्र तरह से काम नहीं करने दिया गया। अब वित्तमंत्री बयानबाजी कर आरबीआई पर चोट कर रहे हैं।
एक प्रेस कांफ्रेस में कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नियमों के तहत पब्लिक सेक्टर बैंक पर केवल आरबीआई का नियंत्रण होना चाहिए लेकिन सरकार इस नीति को तोड़ना चाहती है। 2008 में आर्थिक मंदी के दौरान आरबीआई ने बहुत मजबूती से काम किया था। वित्त मंत्री अरुण जेटली का यह कहना कि आरबीआई अपना काम करने में सक्षम नहीं है। वे अपना यह बयान वापस लें।
एडीए शासन में बढ़ा एनपीए
आनंद शर्मा ने कहा कि मोदी और जेटली दोनों अयोग्य रहे हैं। जब एनडीए सरकार आई तो एनपीए तीन लाख करोड़ था और अब वह 12 लाख करोड़ है। इससे सरकार की फेल नीतियों का अंदाजा लगाया जा सकता है। आखिर मोदी सरकार यह सोचे कि देश की भारत की अर्थव्यवस्था को कहां ले जा रहे हैं। रुपया लगातार टूट रहा है। आरबीआई की बिना सलाह लिए नोटबंदी लागू की गई। अब आरबीआई को फैसले लेने से रोका जा रहा है।
ट्रंप का इनकार विफल विदेश नीति
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि अमरीकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के भारत के आमंत्रण को अस्वीकार करना मोदी सरकार की विदेश नीति की विफलता का नतीजा है। विफल कूटनीति के कारण देश को यह शर्मिंदगी उठानी पड़ी है। उन्होंने कहा कि देश के इतिहास में पहले कभी ऐसी स्थिति नहीं आई है। किसी देश के प्रमुख को गणतंत्र दिवस समारोह के मुख्य अतिथि बनने का आमंत्रण भेजने से पहले राजनयिक स्तर पर यह सुनिश्चित किया जाता है कि वह समारोह में हिस्सा लेगा। इसके बाद ही आमंत्रण भेजा जाता है लेकिन मोदी सरकार ने इस स्थिति को समझे बिना ट्रंप को सीधे आमंत्रण भेज दिया।