इसके साथ ही शिवसेना ने चेतावनी भी दी है कि इससे देश में अस्थिरता और अराजकता का माहौल पैदा हो सकता है। उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली पार्टी ने यह भी कहा कि महाराष्ट्र में भाजपा के साथ उसका गठबंधन अस्थायी है और यह राजनीतिक अनिवार्यता का नतीजा है, इस गठबंधन में नैतिकता या अनैतिकता का कोई सवाल नहीं है।
गौरतलब है कि उत्तराखंड में सत्ताधारी कांग्रेस में विद्रोह के मद्देनजर संवैधानिक संकट का हवाला देते हुए केंद्र ने रविवार को उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन लगा दिया था। शिवसेना ने अपने पार्टी मुखपत्र सामना के संपादकीय में आरोप लगाया कि भाजपा ने उत्तराखंड सरकार को अस्थिर करने के लिए कांग्रेस के नौ बागी विधायकों का इस्तेमाल किया।