महाराष्ट्र में सरकार बनाने को लेकर भले ही स्थिति अब तक साफ नहीं हो पाई हो लेकिन राज्यपाल की ओर से भाजपा को न्योता मिलने के बाद अब शिवसेना भी आक्रामक नजर आ रही है। शिवसेना के वरिष्ठ नेता संजय राउत ने कहा कि अगर कोई सरकार बनाने को तैयार नहीं है तो शिवसेना जिम्मा ले सकती है। साथ ही उन्होंने कहा कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है। इसके अलावा उन्होंने एक लेख के जरिए एनसीपी प्रमुख शरद पवार की भी तारीफ की है।
संजय राउत ने कहा कि शिवसेना सरकार बनाने की जिम्मेदारी उठाने के लिए तैयार है। शिवसेना नेता ने कहा कि यदि भाजपा को राज्यपाल का न्योता मिला है, तो फिर क्यों इंतजार किया जा रहा है। राउत ने कहा कि कांग्रेस राज्य की दुश्मन नहीं है, सभी दलों में कुछ मुद्दों पर मतभेद हैं।
शरद पवार की तारीफ
वहीं शिवसेना ने अपने मुखपत्र 'सामना' में रविवार को एक बार फिर एनसीपी प्रमुख शरद पवार की तारीफ की है। सामना में शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि (सरकार बनाने में) प्रदेश के बड़े नेता शरद पवार की भूमिका बहुत महत्वपूर्ण साबित होगी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस के भी कई विधायक सोनिया गांधी से मिले और उनसे महाराष्ट्र का फैसला महाराष्ट्र को सौंपने की सलाह दी।
भाजपा को बताया हिटलर
शिवसेना ने कहा कि 5 साल दूसरों को डर दिखाकर शासन करने वाली टोली आज खुद खौफजदा है। यह उल्टा हमला हुआ है। डराकर रास्ता और समर्थन नहीं मिलता है, ऐसा जब होता है तब एक बात स्वीकार करनी चाहिए कि हिटलर मर गया है और गुलामी की छाया हट गई है। पुलिस और अन्य जांच एजेंसियों को इसके आगे तो बेखौफ होकर काम करना चाहिए। इस नतीजे का यही मतलब है। पार्टी ने आगे लिखा, 'महाराष्ट्र का एकमुखी स्वर है कि बदले की, टांग खींचने की और गुलामी की सियासत को खत्म करना है।' सामना के संपादकीय में संजय राउत ने कहा कि सीएम देवेंद्र फडणवीस को नरेंद्र मोदी ने आशीर्वाद दिया कि वे दोबारा प्रदेश के सीएम बनेंगे लेकिन 15 दिनों के बाद भी वह शपथ नहीं ले सके। राउत ने कहा कि शिवसेना सीएम से बात करने को तैयार नहीं है और यह (बीजेपी की) सबसे बड़ी हार है। उन्होंने कहा कि चुनाव में सबसे बड़ी पार्टी होने के नाते बीजेपी को नतीजे घोषित होने के 24 घंटे के भीतर सरकार बनाने का दावा पेश करना चाहिए था लेकिन 15 दिनों बाद भी उसने ऐसा नहीं किया।
कब बनेगी सरकार?
गौरतलब है कि महाराष्ट्र में 24 अक्टूबर को चुनाव परिणाम आने के बाद से ही सरकार बनाने को लेकर खींचतान जारी है। भाजपा-शिवसेना के गठबंधन को बहुमत तो मिला था, लेकिन दोनों दलों में बात नहीं बन पाई। शिवसेना अपनी मांगों पर अड़ी है, दूसरी तरफ देवेंद्र फडणवीस मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे चुके हैं।