महाराष्ट्र में भाजपा की सहयोगी पार्टी शिवसेना ने बुधवार को कन्हैया कुमार मामले को लेकर केंद्र की मोदी सरकार पर हमला बोला है। शिवसेना ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में पीडीपी से हाथ मिलाने के बाद भाजपा को छात्र नेता कन्हैया कुमार की आलोचना करने का नैतिक अधिकार नहीं है।
शिवसेना ने भाजपा को दी ये नसीहत
शिवसेना ने सत्तारूढ़ भाजपा को नसीहत भी दी कि उसे जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष कन्हैया कुमार के खिलाफ राजद्रोह मामले का राजनीतिक लाभ नहीं उठाना चाहिए। पार्टी ने कहा कि भाजपा ने पीपल्स डेमोक्रेटिक पार्टी (पीडीपी) की प्रमुख महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर ‘पाप’ किया। उसने कहा कि महबूबा मुफ्ती संसद पर हमले के दोषी अफजल गुरू को शहीद मानती हैं।
‘महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर भाजपा ने किया सबसे बड़ा पाप’
न्यूज़ एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, शिवसेना ने अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में कहा, ‘भाजपा ने अफजल गुरू को स्वतंत्रता सेनानी और शहीद मानने वालीं महबूबा मुफ्ती से हाथ मिलाकर सबसे बड़ा पाप किया। अब भाजपा को अपने फायदे के लिए कन्हैया के खिलाफ दर्ज राजद्रोह मामले से राजनीतिक लाभ नहीं लेना चाहिए और न ही ऐसी कोशिश करनी चाहिए।’
‘कन्हैया कुमार को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा’
शिवसेना ने कहा कि 2008 में हुए मुंबई आतंकवादी हमलों के दोषी अजमल कसाब जैसे आतंकवादी को भी अदालत ने अपना बचाव करने का अवसर दिया। उसने कहा कि कन्हैया कुमार को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा। पार्टी ने कहा कि यदि उसके खिलाफ लगे आरोप सही नहीं हैं, तो वे अदालत में टिक नहीं पाएंगे।
भाजपा को कन्हैया की निंदा करने का क्या नैतिक अधिकार है?
पार्टी ने कहा, ‘कन्हैया कुमार अच्छे वक्ता हैं। वह बागी और बेरोजगार युवाओं का प्रतिनिधित्व करते है, तब भी वह अफजल गुरू की प्रशंसा करते हुए या कश्मीर की आजादी के नारे नहीं लगा सकते। वैसे भी, भाजपा को कन्हैया कुमार की निंदा करने का क्या नैतिक अधिकार है?’
शिवसेना ने किया ये कटाक्ष
शिवसेना ने कटाक्ष किया, ‘महाराष्ट्र भाजपा के मंत्री गिरीश महाजन ने हाल में दावा किया कि उन्हें जहां भी भेजा जाएगा, वह अपना ‘जादू’ दिखाएंगे और चुनाव में अपनी पार्टी की जीत सुनिश्चित करेंगे। हम भाजपा से अनुरोध करते हैं कि वह जेएनयू में राष्ट्र विरोधियों को हराने के लिए उन्हें वहां भेजे, लेकिन उन्हें बता दे कि जेएनयू में चुनाव ईवीएम के माध्यम से नहीं होते हैं।’
दिल्ली पुलिस ने कन्हैया-अमर समेत 10 खिलाफ दायर की चार्जशीट
दिल्ली पुलिस ने कन्हैया कुमार एवं अन्य के खिलाफ अदालत में सोमवार को आरोपपत्र दायर किया था और कहा था कि फरवरी 2016 में जेएनयू परिसर में वह एक रैली का नेतृत्व कर रहे थे और उन्होंने राजद्रोह के नारों का समर्थन किया था