पूर्व केंद्रीय मंत्री अरुण शौरी ने एक बार फिर प्रधानमंत्री मोदी पर कटाक्ष किया है। साथी ही उन्होंने विपक्षी दलों को नसीहत भी दी है।
एनडीटीवी को दिए अपने इंटरव्यू में शौरी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कारण विपक्षी दलों के बीच एकता नजर आ रही है लेकिन लगता है कि 2019 के चुनावों के लिए भाजपा के खिलाफ एक मोर्चो बनाने के लिए यह सही वक्त नहीं है।
उन्होंने नरेन्द्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा कि उन्हें लगता है कि विपक्ष को एक साथ लाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी कड़ी मेहनत कर रहे हैं और वह कामयाब भी होंगे। क्योंकि उन्होंने विपक्ष को आश्वस्त किया है कि हां, वे हर एक को विपक्षी दल को नष्ट कर देंगे। चाहे ममता बनर्जी हो या कोई भी। यदि तुम सब एक साथ नहीं आ जाते तो खतरा बना रहेगा।
हालांकि शौरी ने आगे कहा कि केंद्र सरकार के खिलाफ महागठबंधन के लिए किसी चेहरे की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि साल 1977 में भी इंदिरा गांधी के खिलाफ भी कोई चेहरा नहीं था।
बसपा-सपा के नजदीक आने से यूपी उपचुनाव में बीजेपी की हार के सवाल पर शौरी ने कहा कि विपक्षी दलों को एक-दूसरे के और करीब आकर काम करना चाहिए।
बता दें कि शौरी इस तरह की टिप्पड़ी पहली बार नहीं कर रहे हैं। इससे पहले भी उन्होंने मोदी सरकार की कड़ी आलोचनाएं की है। शौरी ने देश की जर्जर अर्थव्यवस्था के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया था। शौरी ने कहा था कि नोटबंदी अब तक का सबसे बड़ा मनी लाउंड्रिंग घोटाला है। इसे पूरी सरकार ने अंजाम दिया है। अरुण शौरी ने कहा कि नोटबंदी को सरकार द्वारा काले धन को सफेद करने के लिए लागू किया गया था। शौरी के अनुसार इस बात का खुलासा आरबीआई गवर्नर ने भी किया। उन्होंने कहा कि बड़े आर्थिक फैसले सिर्फ ढाई लोग लेते हैं। उनका इशारा पीएम मोदी, बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह और वित्तमंत्री अरुण जेटली की ओर था।