कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कपिल सिब्बल ने साफ तौर पर कहा है कि जस्टिस लोया की हत्या की जांच के लिए दायर जनहित याचिका (पीआइएल) आरएसएस और बीजेपी से जुड़े व्यक्ति ने दायर की थी। उन्होंने गुरुवार को कहा कि बॉम्बे हाइकोर्ट की नागपुर बेंच में 27 नवंबर 2017 को सूर्यकांत लोलगे उर्फ सूरज लोलगे ने याचिका दायर की। कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि लोलगे ने यह याचिका राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी के कहने पर दाखिल की। इसे दायर करने के पीछे राजनीतिक मकसद था।
याचिका दायर करने वाले ने मांगा था भाजपा से टिकट
सिब्बल ने कहा कि लोलगे आरएसएस और बीजेपी का खास-म-खास है। वह भाजपा के टिकट पर म्यूनिसिपल काउंसिलर का चुनाव लड़ना चाहते थे। इसके लिए उन्होंने 25 नवंबर 2016 को पैसे भी जमा करा दिए। कांग्रेस नेता ने कहा कि लोलगे भाजपा के सदस्य और कांग्रेस के स्वयंसेवक हैं। सिब्बल ने लोलगे के भाजपा से जुड़े होने के कई प्रमाण भी पत्रकारों के दिखाए। सबसे पहले उन्होंने एक मंच की तस्वीर दिखाई जिस पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद हैं और पीछे बैनर पर लोलगे का नाम लिखा हुआ है। इसके बाद उन्होंने जो तस्वीर दिखाई उसमें लोलगे फडणवीस को फूल दे रहे हैं।
लोलगे-सतीश की बातचीत में आया भैया जी जोशी का नाम
सिब्बल ने तीन फरवरी 2018 और दस फरवरी 2018 को लोलगे और सतीश यूके के बीच हुई बातचीत की ऑडियो भी सुनाए। इसमें लोलगे को याचिका वापस नहीं लेने का निर्देश दिया जा रहा है। इस बातचीत में भैया जी जोशी का नाम भी लिया गया है। इसमें कहा गया है कि लोग प्रेशर डालेंगे वापस लेने के लिए पर वापस नहीं लेना।
कांग्रेस नेता ने कहा कि जस्टिस लोया की मृत्यु के बाद कई पीआइएल फाइल किए गए। हाल में सुप्रीम कोर्ट का जजमेंट आया जिसमें कहा गया कि पीआइएल से समाज में कई अच्छी बातें भी हुई पर इनका दुरुपयोग भी किया जाता है। सिब्बल ने कहा कि वे सुप्रीम कोर्ट की इस बात से सहमत हैं कि उद्योगपति और राजनीतिज्ञ पीआइएल का दुरुपयोग करते हैं। इस जजमेंट को जस्टिस लोया मामले से जोड़ते हुए सिब्बल ने कहा कि किसी चीज को दबाने के लिए भी पीआइएल दाखिल की जाती है। कहीं लोलगे ने इसी नीयत से तो पीआइएल दाखिल नहीं की थी।
उन्होंने कहा कि हर चीज के पीछे एक सोच होती है। जस्टिस लोया मामले में दायर पीआइएल में भी एक सोच थी। यह सोच थी कि याचिका सुप्रीम कोर्ट पहुंच जाए। आरएसएस-बीजेपी ऐसा चाहते थे। सिब्बल ने कहा कि इसके पीछे दो संभावनाएं हो सकती हैं। पहला यह कि किसी के खिलाफ कार्रवाई हो और दूसरा इस मामले की जांच हो। अब जनता यह फैसला करे कि पीआइएल क्यों दाखिल हुई थी।
कांग्रेस 2019 चुनाव में बनाएगी मुद्दा
सिब्बल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट को मालूम नहीं था कि ऐसा क्यों किया गया। इसलिए यह टिप्पणी की गई पीआइएल राजनीतिक मकसद पूरा करने के लिए भी दाखिल की जाती है। कांग्रेस नेता ने कहा कि आज पता चल गया कि सुप्रीम कोर्ट ने ऐसा क्यों कहा। उन्होंने कहा कि मामले में कानून द्वारा कार्रवाई होनी चाहिए थी पर सुप्रीम कोर्ट ने अनुमति नहीं दी। उन्होंने कहा कि यह चुनाव का मुद्दा है और कांग्रेस 2019 के चुनाव में इस मुद्दे के साथ खड़ी रहेगी।