पार्टी सूत्रों ने बताया कि भाजपा के शीर्ष नेताओं ने उन्हें तसल्ली दी है। सूत्रों ने बताया कि नवजोत ने अपने पति के साथ रात के भोजन पर भाजपा महासचिव (संगठन) राम लाल से भेंट कर अपनी शिकायतें दूर कीं।
नवजोत ने पीटीआई से कहा, सब कुछ ठीक है और मैं पार्टी में बनी हुई हूं। उनका कहना है कि उनकी सभी समस्याएं विधानसभा क्षेत्र के लोगों और उनके विकास से जुड़ी हुई थीं। सूत्रों ने बताया कि नवजोत और उनके पति को ऐसा लग रहा था कि पार्टी उन्हें नजरअंदाज कर रही है और दोनों इस बात से नाराज थे। दोनों को पंजाब में सत्तारूढ़ गठबंधन सहयोगी शिरोमणि अकाली दल से भी दिक्कतें थीं। वर्ष 2014 के आम चुनावों के दौरान नवजोत सिंह सिद्धू को जब अरुण जेटली के लिए अमृतसर लोकसभा सीट छोड़ने कहा गया था तबसे दोनों पति-पत्नी नाराज थे। हालांकि उस सीट से जेटली को कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह के हाथों हार का सामना करना पड़ा।
नवजोत ने अपने फेसबुक पेज पर लिखा है, अंतत: 49 करोड़ रुपये की वित्तीय निविदा खुली और काम फिर से शुरू हुआ। रामलाल जी और श्रीमान नवजोत का हस्तक्षेप मुझे सेवा के रास्ते पर वापस ले आया। किसी भी कीमत पर अपने क्षेत्र के लोगों के साथ अन्याय बर्दाश्त नहीं करूंगी। वह अमृतसर की विकास परियोजनाओं का जिक्र कर रही थीं जिनके पूरा होने में विलंब हो रहा था।