सोशल मीडिया पर इंटरव्यू पर चले ट्रेंड के अनुसार अर्नब ने रिजर्व बैंक के गवर्नर रघुराम राजन को दूसरा कार्यकाल क्यों नहीं दिया गया? ये सवाल नहीं पूछा। भाजपा नेेताओं के सांप्रदायिक बयानबाजी को रोकने पर आप क्या कर रहे हैं, जब अाप विपक्ष में थे और अब पक्ष में है तो पाक के रवैये में क्या बदलाव आया है। इस बारे में कोई सवाल नहीं पूछा गया।
एनएसजी इतना क्यों जरूरी था कि आपको चीन को कई बार कहना पड़ा। इंटरव्यू में इस पर भी कोई सवाल नहीं था। इसके अलावा कैराना और हिंदू परिवार के पलायन का मसला, उत्तराखंड में राष्ट्रपति शासन, डिग्री विवाद, चेतन चौहान और गजेंद्र चौहान की नियुक्ति, आईआईटी में संस्क़त शिक्षा, व्यापम घोटाला, बीफ पर प्रतिबंध, ललित मोदी प्रकरण, रोहित वेमुला मामला, नेपाल के साथ संबंध और लव जिहाद पर भी पीएम माेदी से सवाल नहीं पूछे गए। सोशल मीडिया में कहा गया कि ज्वलंत मसलों के बगैर इस इंटरव्यू को एक प्रकार से प्रायोजित ही कहा जाएगा। लोगों ने कहा कि पीएम मोदी के प्रशंसक तो इस इंटरव्यू की दुहाई दे रहे हैं लेकिन बेबाक इंटरव्यू लेने वाले अर्नब गोस्वामी भी क्या इस तरह का साक्षात्कार ले सकते हैं यह अब देखने को मिला।