कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने गुरुवार को वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक की अध्यक्षता की। इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा, ‘लॉकडाउन जरूरी हो सकता है, लेकिन जिस तरह से लागू किया गया, वो भी सिर्फ कुछ घंटों की सूचना पर, उसने आम जनता को भारी दिक्कतें पैदा कर दीं’। उन्होंने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के लिया जिसका खामियाजा पूरे देश को भुगतना पड़ रहा है। साथ ही, सोनिया गांधी ने यह भी कहा कि कोरोना लॉकडाउन से पैदा हुए इस संकट को खत्म करने के लिए सरकार को एक व्यापक रणनीति बनाने की जरूरत है।
सोनिया गांधी ने कहा, ‘आज हम एक बहुत बड़े संकट से गुजर रहे हैं, यह एक कठिन चुनौती है लेकिन इसे हराने का हमारा संकल्प इससे भी मजबूत होना चाहिए’।
डॉक्टर-नर्सों को हर संभव सहयोग दिए जाने की जरूरत
कोरोना वायरस की निरंतर टेस्टिंग के अलावा उसको रोकने का और कोई रास्ता नहीं है। हमारे डॉक्टर, नर्स, स्वास्थ्य कर्मचारी को हर संभव सहयोग दिए जाने की आवश्यकता है। पर्सनल प्रोटेक्शन इक्विपमेंट जैसे कि हेजमेट सूट, एन -95 मास्क उन्हें मुहैया कराए जाने चाहिए।
सोनिया गांधी ने कहा कि वह केंद्र सरकार से निवेदन करती हैं कि वो निर्धारित अस्पतालों, बेड की संख्या, क्वारंटीन टेस्टिंग की सुविधाओं और मेडिकल सप्लाई की जानकारी प्रकाशित करके आम जनता तक पहुंचाए।
‘कोविड-19 महामारी धर्म, जाति या महिला-पुरुष में अंतर नहीं करती’
सोनिया गांधी ने कहा कि कोविड-19 महामारी राजनैतिक सिद्धांतों, धर्म, जाति, उम्र या महिला-पुरुष में अंतर नहीं करती। हम आज जो रास्ता चुनेंगे, वो हमारे परिवार, पड़ोसियों, समाज और देश के भविष्य का निर्णय करेगा। हम इस चुनौती का सामना कैसे करते हैं, समाज के सभी वर्गों, खासकर गरीबों और सबसे कमजोर वर्गों को किस प्रकार सुरक्षित करते हैं, उससे हमारे आगे आने वाली पीढ़ियों के सामने एक नया रास्ता और उदाहरण स्थापित होगा’।
’गरीबों और मजदूरों को करना पड़ रहा है दिक्कतों का सामना’
इस बैठक में सोनिया गांधी ने कहा कि देश में कोरोना वायरस की स्थिति गंभीर है और इसे लेकर सरकार के द्वारा कदम उठाए जाने की जरूरत तो थी लेकिन पीएम मोदी ने लॉकडाउन का फैसला बिना तैयारी के ले लिया। इन 21 दिनों के लॉकडाउन की कोई तैयारी नहीं होने के कारण गरीबों और मजदूरों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है।
सोनिया ने पीएम मोदी को लिखा था पत्र
बता दें कि सोनिया गांधी ने लॉकडाउन लागू होने के बाद पीएम मोदी को एक पत्र भी लिखा था और लॉकडाउन से जुड़े कुछ सुझाव भी दिए थे। उन्होंने लॉकडाउन को समर्थन भी दिया था और ये भी कहा था कि कांग्रेस इस संकट के काल में सरकार के साथ है।
पीएम मोदी से मनरेगा मजदूरों को 21 दिन के भुगतान की मांग
कोरोना वायरस संकट के बीच कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने पीएम मोदी को लेटर लिखकर मनरेगा मजदूरों को 21 दिन की मजदूरी अग्रिम देने की मांग की है। कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, लॉकडाउन की वजह तमाम मजदूरों के सामने रोजी-रोटी का संकट पैदा हो गया है, ऐसी स्थिति में इन लोगों को आर्थिक मदद की सख्त जरूरत है। वहीं, प्रियंका गांधी ने इस लेटर को ट्वीट करते हुए कहा, ‘मनरेगा के तहत मिलने वाला रोजाना का मेहनताना इस समय ग्रामीण मजदूरों की जिंदगी में राहत ला सकता है’।
लॉकडाउन के कारण गरीबों, मजदूरों की पलायन की स्थिति को गंभीरता से संभालने की जरूरत है और इस दिशा में सरकार के किए जा रहे काम पर्याप्त नहीं हैं। लाखों लोग इसके कारण दिक्कतों का सामना कर रहे हैं और लोगों के सामने जिंदगी का संकट खड़ा हो गया है।
लॉकडाउन का आज नौवां दिन
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी ने 25 मार्च से 14 अप्रैल के लिए देश में 21 दिनों के लॉकडाउन को लागू कर दिया था और आज इसका नौवां दिन है। लॉकडाउन के तहत लोगों को घरों से बाहर नहीं निकलने को कहा गया. हालांकि सरकार की ओर से भरोसा दिलाया गया कि लोगों को उनकी आवश्यकताओं के सामान की आपूर्ति में कोई दिक्कत नहीं होगी।