गौरतलब है कि कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी के नेतृत्व में पार्टी सांसद और नेताओं ने संसद भवन से लेकर राष्ट्रपति भवन तक पदयात्रा निकाली। इस यात्रा का उद्देश्य देश में बढ़ती असहिष्णुता और हिंसा के खिलाफ विरोध दर्ज कराना था। बाद में कांग्रेस नेताओं के प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को एक ज्ञापन भी सौंपा।
राष्ट्रपति से मुलाकात के बाद सोनिया ने कहा कि पार्टी की ओर से राष्ट्रपति जी को एक ज्ञापन सौंपा गया है। इस ज्ञापन में भय, असहिष्णुता एवं धमकी के माहौल को बनाए जाने के ऊपर चिंता व्यक्त की गई है और कहा गया है कि जो कुछ घटित हो रहा है वे छिटपुट घटनाएँ नहीं हैं। वे सभी हमारे समाज को बाँटने के लिए जानबूझकर रची गई रचना का हिस्सा हैं और यह दिखाने का कि किसके नियंत्रण में सब कुछ है।
सोनिया ने कहा कि शासक वर्ग द्वारा भारत के मूल विचार एवं इसके सिद्धान्तकारों के ऊपर ही हमला किया जा रहा है। अयोग्यता को छिपाने के लिए असहिष्णुता को बढ़ावा दिया जा रहा है। सोनिया गांधी की राष्ट्रपति से मुलाकात ऐसे समय में हुई है जब कांग्रेस सांप्रदायिकता को लेकर केंद्र सरकार पर निशाना साध रही है। प्रधानमंत्री भी इस मुद्दे पर कांग्रेस पर जमकर प्रहार कर रहे हैं। कांग्रेस का यह विरोध, लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों की ओर से जताए जा रहे विरोध के बाद आया है।