कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने सभी विपक्षी दलों के नेताओं को 13 मार्च को रात्रिभोज पर आमंत्रित किया है। सोनिया गांधी की तरफ से दिए गए इस निमंत्रण को बीजेपी के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करने के ताजा प्रयास के रूप में देखा जा रहा है। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी है।
पीटीआई के मुताबिक, पार्टी के एक जानकार सूत्र ने बताया कि संसद में सरकार पर हमला बोलने के लिए विपक्षी दलों द्वारा हाथ मिलाये जाने की पृष्ठभूमि में यह पहल विपक्ष को मजबूत करने तथा 2019 के लोकसभा चुनावों के लिए संयुक्त मोर्चे की नींव रखने की दिशा में एक कदम है।
सोनिया गांधी ने यह पहल ऐसे समय में की है, जबकि गैर भाजपा, गैर कांग्रेस मोर्चा की संभावनाओं को लेकर चर्चा हो रही है। इससे पहले टीआरएस प्रमुख एवं तेलंगाना के मुख्यमंत्री के चन्द्रशेखर राव ने इस मामले में राष्ट्रीय स्तर पर विचार विमर्श करने का प्रस्ताव दिया था।
कांग्रेस के समीपी सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की, सोनिया गांधी का रात्रिभोज उन सभी विपक्षी दलों के साथ आने को रेखांकित करेगा जो संसद के भीतर और बाहर बीजेपी का मुकाबला करेंगे। उन्होंने कहा, यह महज रात्रिभोज नहीं होगा बल्कि यह विपक्षी दलों का शक्ति प्रदर्शन भी होगा जो बीजेपी के कुशासन के खिलाफ एकजुट होकर एक मोर्चा गठित करना पसंद कर सकते हैं। कांग्रेस के जानकार सूत्रों ने अधिक ब्योरा देने से इंकार करते हुए कहा कि कई नेताओं ने इसमें अपने शिरकत करने की पुष्टि की है।
हालांकि, उन्होंने कहा कि सोनिया गांधी इस बात को लेकर इच्छुक हैं कि सभी शीर्ष विपक्षी नेता इसमें आएं, जिसमें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख ममता बनर्जी भी शामिल हों। ममता ने अभी इस बारे में पुष्टि नहीं की है कि वे इसमें शामिल होंगी अथवा नहीं। ममता ने राव और द्रमुक के कार्यकारी अध्यक्ष एम के स्टालिन से संसद के भीतर और बाहर तालमेल के लिए बातचीत की थी।