महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के बेटे और शिवसेना सांसद श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि नई राज्य सरकार में उन्हें उपमुख्यमंत्री का पद मिलने की अटकलें झूठी और निराधार हैं।
एक्स पर लिखे एक पोस्ट में सांसद ने यह भी कहा कि इस वर्ष की शुरुआत में हुए लोकसभा चुनावों के बाद उनके पास केंद्र में मंत्री बनने का मौका था, लेकिन उन्होंने इससे इनकार कर दिया और वह पार्टी संगठन के लिए काम करने पर ध्यान केंद्रित करना चाहते हैं।
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में महायुति को भारी जीत मिलने और भाजपा के 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभरने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद भी नई सरकार का शपथ ग्रहण होना बाकी है।
महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपस्थिति में मुंबई के आजाद मैदान में होगा। भाजपा के एक वरिष्ठ नेता ने रविवार रात दावा किया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के रूप में देवेंद्र फडणवीस का नाम तय हो गया है।
नई सरकार के गठन से खुश न होने की अटकलों के बीच एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हो गए। कार्यवाहक मुख्यमंत्री रविवार दोपहर ठाणे पहुंचे।
श्रीकांत शिंदे ने सोमवार को कहा कि महायुति गठबंधन सरकार के शपथ ग्रहण समारोह में थोड़ी देरी हो गई है और वर्तमान में बहुत सारी चर्चाएं और अफवाहें हैं। उन्होंने कहा कि अफवाहें तब और बढ़ गईं जब उनके पिता अस्वस्थता के कारण दो दिन के लिए गांव चले गए और आराम करने लगे।
कल्याण से सांसद ने एक्स पर कहा, "पिछले दो दिनों से यह खबर प्रश्नचिह्नों के साथ घूम रही है कि मैं उपमुख्यमंत्री बनूंगा। इसमें कोई सच्चाई नहीं है और ऐसी सभी खबरें निराधार हैं।"
उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव के बाद केंद्र सरकार में मंत्री बनने का अवसर मिलने के बावजूद उन्होंने पार्टी संगठन को मजबूत करने पर ध्यान केंद्रित करने के लिए इसे ठुकरा दिया था।
उन्होंने अपने लोकसभा क्षेत्र और शिवसेना के लिए काम करने की प्रतिबद्धता दोहराते हुए कहा, "मुझे सत्ता के किसी पद की इच्छा नहीं है। मैं एक बार फिर स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि मैं राज्य में किसी भी मंत्री पद की दौड़ में नहीं हूं।"
मीडिया के उत्साह और प्रतिस्पर्धा को स्वीकार करते हुए श्रीकांत शिंदे ने उनसे तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करने से बचने का आग्रह किया। उन्होंने कहा, "मुझे उम्मीद है कि अब कम से कम मेरे बारे में चर्चा बंद हो जाएगी।"
हाल ही में संपन्न हुए विधानसभा चुनावों में महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा 132 सीटों के साथ सबसे आगे रही, जबकि शिवसेना को 57 और एनसीपी को 41 सीटें मिलीं।
अपने बेटे श्रीकांत शिंदे को उपमुख्यमंत्री का पद मिलने और शिवसेना के गृह विभाग को लेकर उत्सुकता की अटकलों के बीच एकनाथ शिंदे ने रविवार को कहा कि महायुति के सहयोगी एक साथ बैठकर आम सहमति से सरकार गठन पर फैसला करेंगे।