कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और येदियुरप्पा सरकार के खिलाफ विधायकों को को एकजुट रखने और पूरी रणनीति में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने वाले डीके शिवकुमार ने स्वीकार किया कि जेडीएस को सरकार बनाने के लिए समर्थन देने में पार्टी को कई विषय दरकिनार करने पड़े। उऩ्होंने सोमवार को कहा कि पार्टी राज्य में धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहती थी। इस कारण उसे जेडीएस से कड़वाहट भूलनी पड़ी और मतभेदों का हल निकालना पड़ा।
शिवकुमार ने समाचार एजेंसी एनएआइ से बातचीत में स्वीकार किया कि राज्य के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस और जेडीएस आपसे में भिड़े थे। उन्होंने कहा कि वह 1985 से ही देवेगौड़ा परिवार के खिलाफ राजनीतिक लड़ाई लड़ रहे हैं। पिछले संसदीय और विधानसभा चुनाव में मैंने उनके खिलाफ चुनाव लड़ा और उनके बेटे और पुत्रवधु को पराजित किया। इस दौरान खूब राजनीति हुआ और कई मुकदमे भी दर्ज हुए। शिवकुमार ने कहा कि लेकिन देश और पार्टी के हित में हम कर्नाटक में धर्मनिरपेक्ष सरकार चाहते हैं।
उन्होंने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने फैसला किया कि राज्य में धर्मनिरपेक्ष सरकार बननी चाहिए। पूरा देश यही चाहता था इसकी वजह से हमने यह फैसला (जेडीएस के गठबंधन) किया। उन्होंने स्वीकार किया कि मुझे यह कड़वाहट निगलनी पड़ी क्योंकि यह मेरा कर्तव्य है।
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#WATCH Congress leader DK Shivakumar says, 'Rahul Gandhi has taken decision that there should be secular govt here. That's what the entire country needs & that's why we have taken this stand (alliance with JDS). I had to swallow all this bitterness, this is my duty' #Karnataka pic.twitter.com/Q1fuL5nbCI
— ANI (@ANI) May 21, 2018
कर्नाटक में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस दूसरी बड़ी पार्टी के रूप में उभरी है और उसने सरकार बनानने के लिए तीसरे नंबर पर रहे जेडीएस को समर्थन देने का फैसला किया है। जब शिवकुमार से यह पूछा गया कि क्या वे जेडीएस से गठबंधन को लेकर खुश हैं तो उन्होंने कहा, “कभी-कभी निजी बातें अहमियत नहीं रखती। ये महत्वपूर्ण नहीं होती। जब कोई बड़ा या सामूहिक फैसला होता है तो कोई इसे पसंद करता है तो कोई इसे नापंसंद। मैंने भी इस सरकार के गठन के लिए सहमति दी।” शनिवार को मुख्यंत्री बीएस येदियुरप्पा के विश्वासमत हासिल करने से पहले इस्तीफा देने के बाद राज्यपाल वजुभाई वाला ने जेडीएस के एचडी कुमारस्वामी को सरकार बनाने का न्यौता दिया है।
कैबिनेट के गठन के सवाल पर शिवकुमार ने कहा कि हम कैबिनेट गठन को लेकर सोनिया जी और राहुल जी से चर्चा नहीं करेंगे। हम पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए दिल्ली जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि सत्ता के आंतरिक बंटवारे का फैसला अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी करेगी।
अगले साल होने वाले आम चुनाव में भाजपा को पराजित करने के लिए महागठबंधन के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसके गठन की शुरुआत हो चुकी है। धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के साथ आने से लक्ष्य भी हासिल कर लिया जाएगा। जब उनसे पूछा गया कि क्या कांग्रेस-जेडीएस सरकार पांच साल का कार्यकाल पूरा कर लेगी तो उन्होंने कहा, “इसका जवाब समय देगा। मैं अभी इसका जवाब नहीं देना चाहता। हमारे पास कई मुद्दे और विकल्प हैं जिसकी जानकारी मैं अभी नहीं दे सकता।”