रवि भोई
छत्तीसगढ़ के नव-निर्वाचित मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी मंत्रिमंडल की बैठक कर राज्य के सभी किसानों का कर्ज माफ करने का फैसला लिया है। इससे पहले मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी शपथ लेने के चंद घंटों के भीतर ही राज्य के किसानों की कर्जमाफी का फैसला लिया था।
चुनावी वादे के तहत राज्य सरकार ने यह फैसला लिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने चुनावी सभाओं में सरकार बनने के दस दिन के भीतर कर्जमाफी का ऐलान किया था।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पहली प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि पहली खेप में सहकारी और ग्रामीण बैंकों के अल्पकालिक कर्ज होंगे। कांग्रेस की सरकार पहले चरण में 6100 करोड़ का कर्ज माफ करेगी। कॉमर्शियल बैंकों के अल्पकालिक कर्जों के बारे में समीक्षा कर फैसला लिया जायेगा।
धान के समर्थन मूल्य में बढ़ोतरी
मुख्यमंत्री ने कहा कि वादे के मुताबिक किसानों को समर्थन मूल्य और बोनस मिलाकर धान का मूल्य प्रति क्विंटल 2500 रूपये दिया जायेगा। यह इस समय मिल रहे 2100 रुपये से 400 रुपये ज्यादा होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के सभी 36 लाख किसानों को इसका फायदा मिलेगा या फिर वर्तमान में सहकारी समितियों में पंजीकृत 13 लाख किसानों को ही लाभ मिलेगा। इसके अलावा झीरम कांड की जाँच के लिए एसआईटी के गठन को भी मंजूरी दी गई।
नक्सली समस्या का हल बंदूक से नहीं, बातचीत से निकालेंगे
मुख्यमंत्री ने कहा कि नक्सली समस्या का हल बंदूक से नहीं होगा। नक्सली इलाकों में रहने वाले लोग नक्सली और पुलिस दोनों की गोलियों के शिकार हो रहे हैं। पिछली सरकार बंदूक से ही इस समस्या को हल करने में लगी थी। नक्सलवाद सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक समस्या है। समस्या के समाधान की रणनीति बनाने से पहले पीड़ित परिवारों की बात सुनी जाएगी।
शराबबंदी पर बनानी होगी आम सहमति
कांग्रेस ने अपने चुनावी वादे में राज्य में पूर्ण शराबबंदी की बात की है। भूपेश बघेल ने कहा कि एक झटके में पूर्ण शराबबंदी लागू नहीं की जा सकती है। छत्तीसगढ़ आदिवासी राज्य है, यहाँ की आदिवासी संस्कृति में शराब का चलन आम है। इसके लिए आम सहमति बनानी पड़ेगी।
फिजूलखर्ची पर लगेगी रोक
मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में फिजूलखर्ची पर रोक लगाई जाएगी। आने वाले दिनों में इसकी समीक्षा की जायेगी। उन्होंने अफसरों को साफ किया कि भ्रष्टाचार और गड़बड़ी करने वाले अपने क्रियाकलाप बदल लें। कांग्रेस की सरकार गड़बड़ी करने वालों को नहीं बख्शेगी।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    