महाराष्ट्र के हालिया घटनाक्रम को लेकर राज्यसभा सांसद कपिल सिब्बल ने निशाना साधा और इसे एक "तमाशे" का नाम दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, " ऐसा प्रतीत होता है कि कानून इसकी अनुमति देता है। राजनीतिक घटनाक्रम "सत्ता की रोटियों" के बारे में थे, न कि लोगों के बारे में।"
दरअसल, यह बयान राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार सहित आठ नेताओं के एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली महाराष्ट्र सरकार में शामिल होने पर आया है। गौरतलब है कि अजित पवार ने रविवार को राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) में विद्रोह करते हुए उपमुख्यमंत्री बनने के लिए महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ शिवसेना-भाजपा गठबंधन से हाथ मिला लिया।
सिब्बल ने एक ट्वीट में कहा, "महाराष्ट्र की राजनीति, यह लोकतंत्र नहीं है। यह एक 'तमाशा' है और कानून इसकी इजाजत देता है! यह सत्ता की रोटियों के बारे में है, लोगों के बारे में नहीं!" डिप्टी सीएम पवार ने शरद पवार पर कटाक्ष करते हुए, उनसे पद छोड़ने और नई पीढ़ी को मौका देने का आग्रह करते हुए कहा कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता भी 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त हो जाते हैं।
उन्होंने कहा था, "आपने मुझे सबके सामने विलेन बना दिया। मेरे मन में अभी भी उनके (शरद पवार) प्रति गहरा सम्मान है। राजनीति में भी-भाजपा नेता 75 साल की उम्र में सेवानिवृत्त होते हैं। आप लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का उदाहरण देख सकते हैं। इससे नई पीढ़ी को आगे बढ़ने का मौका मिलता है।"
बुधवार को पवार खेमों ने शक्ति प्रदर्शन के लिए मुंबई में अलग-अलग बैठकें कीं। पीटीआई ने दोनों गुटों के सूत्रों के हवाले से बताया कि अजित पवार समूह द्वारा बुलाई गई बैठक में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के 53 विधायकों में से 32 ने भाग लिया, जबकि शरद पवार द्वारा संबोधित सम्मेलन में 18 विधायक उपस्थित थे।