अंतरराष्ट्रीय समाचार चैनल अल जजीरा पर एक बहस के दौरान भाजपा के पूर्व सांसद तरुण विजय ने भारत में नस्लीय भेदभाव से इंकार करते हुए कहा कि अगर हम रैसिस्ट होते तो हमारे यहां दक्षिण (भारत) क्यों होता? अगर हम रैसिस्ट होते तो तमिलनाडु, केरल और कर्नाटक के साथ क्यों रहते? हमारे यहां सब तरफ अश्वेत लोग हैं। इस तरह का भेदभाव हमारी संस्कृति से मेल नहीं खाता है।
अल जजीरा पर यह बहस पिछले दिनों ग्रेटर नोएडा में नाइजीरिया के दो छात्रों पर हुए हमले के मुद्दे पर हो रही थी। तरुण विजय ने इस हमले को भारत में नस्लीय भेदभाव से जोड़कर देखे जाने को पूरी तरह खारिज किया है। उनका कहना है कि यह आरोप सरासर निराधार है। भारत में अफ्रीकी छात्रों पर हुए हमलों का यहां नस्लीय भेदभाव से कोई लेना-देना नहीं है।
बहस में शामिल होते हुए तरुण विजय ने कहा कि हम अश्वेत भगवान श्रीकृष्ण की उपासना करते हैं, हम नस्लीय भेदभाव कैसे कर सकते हैं। गौरतलब है कि तरुण विजय भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य और इंडिया-अफ्रीका पार्लियामेंटरी फ्रेंडशिप ग्रुप के प्रमुख हैं। उत्तराखंड में दलितों को मंदिर में प्रवेश कराने के प्रयास में वह जातिगत हिंसा का शिकार हुए थे।
तरुण विजय के दक्षिण भारत के बारे में दिए गए बयान को लेकर सोशल मीडिया पर तीखी टिप्पणियां सामने आ रही हैं। हालांकि, मामले के तूल पकड़ने के बाद तरुण विजय ने इस मुद्दे पर अपनी तरह से सफाई देनी के भरसक प्रयास कर रहे हैं।
तरुण विजय ने कहा कि शायद उनके कहने का मतलब वह नहीं था जैसा समझा जा रहा है। विजय ने यह भी कहा कि उन्होंने दक्षिण भारत को कभी अश्वेत नहीं कहा। बकौल विजय वह मरते दम तक अपनी सभ्यता का सम्मान करेंगे।