सनातन धर्म पर पुरानी विवादास्पद टिप्पणी को लेकर ही अबतक विवाद नहीं थमा है कि अब तमिलनाडु के खेल मंत्री और डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने एक और तीखी टिप्पणी की है। उन्होंने सामाजिक भेदभाव पर तमिलनाडु के राज्यपाल आरएन रवि के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने कहा कि हम भी वही कह रहे हैं जो राज्यपाल ने कहा है, इसलिए हम कह रहे हैं, हमें सनातन को ख़त्म करना है।
दरअसल, तमिलनाडु के राज्यपाल ने रविवार को कहा था कि तमिलनाडु में सामाजिक भेदभाव अभी भी एक बड़ी समस्या है और अन्य राज्यों की तुलना में यहां यह बहुत बड़ी समस्या है।
इस पर प्रतिक्रिया देते हुए उदयनिधि स्टालिन ने कहा, "हम भी वही कह रहे हैं जो वह (राज्यपाल) कह रहे हैं। इसलिए हम कह रहे हैं कि हमें सनातन को खत्म करना है। हम जातिगत भेदभाव के बारे में भी बोल रहे हैं और हम कह रहे हैं कि जन्म से सभी समान हैं। जहां भी जातिगत भेदभाव है वह गलत है। हम इसके खिलाफ़ आवाज़ उठा रहे हैं।"
इस बीच, डीएमके नेता टीकेएस एलंगोवन ने कहा कि वह राज्यपाल के रूप में कार्य करने में विफल रहे हैं। उन्होंने कहा, "उत्तर में, एक उच्च जाति का व्यक्ति निचली जाति के लड़के पर पेशाब कर सकता है और कोई भी सवाल नहीं उठा सकता। यह श्री रवि के क्षेत्र का सामाजिक न्याय है।"
"वह निचली जाति के लोगों के प्रति कैसा व्यवहार कर रहे हैं, मुझे नहीं पता... एलंगोवन ने कहा, ''मैं उन्हें मिस्टर रवि कह रहा हूं क्योंकि वह राज्यपाल के रूप में कार्य करने में विफल रहे हैं। राज्यपाल का कर्तव्य क्या है? विधायिका द्वारा पारित विधेयकों को मंजूरी देना लेकिन उन्होंने वह कर्तव्य नहीं निभाया है और आरएसएस समूह के पिट्ठू के रूप में काम कर रहे हैं।"
गौरतलब है कि डीएमके नेता जूनियर स्टालिन ने इससे पहले भी सनातन धर्म पर एक टिप्पणी की थी, जिसके बाद केंद्र में सत्तारूढ़ दल के नेताओं ने उनकी आलोचना की। उदयनिधि स्टालिन ने कहा था कि सनातन डेंगू,मलेरिया की तरह है और इसे खत्म कर देना चाहिए।