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‘दिल्ली में अल्पसंख्यकों को रोजगार देने का अभियान शुरू होगा’

दिल्ली में रह रहे 14 लाख से ज्यादा अल्पसंख्यकों को रोजगार और तालीम देने के लिए दिल्ली प्रदेश अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ ने विशेष योजना बनाई है। इस योजना के तहत इन्हें रोजगार देना, कौशल विकास प्रशिक्षण देना और महिलाओं को लघु घरेलु उद्योग शुरू करवाना मुख्य रहेगा।
‘दिल्ली में अल्पसंख्यकों को रोजगार देने का अभियान शुरू होगा’

दिल्ली अल्पसंख्यक प्रकोष्ठ के सदर आतिफ रशीद का कहना है कि दिल्ली में अल्पसंख्यकों के मसले पर आम आदमी पार्टी अपने हर वादे से मुकर गई है। यहां तक कि दिल्ली सरकार ने सीलमपुर में आईपी यूनिवर्सिटी से एफिलेटिड अल्पसंख्यक स्कूल खोलने का वादा किया था लेकिन वो भी पूरा नहीं किया। राशीद का कहना है कि मध्य प्रदेश, राजस्थान और गुजरात जैसे राज्यों में देखा गया है कि अल्पसंख्यक समुदाय रोजगार और तालीम की वजह से खुश है और संतुष्ट है। उनके बड़े-छोटे बिजनेस हैं। वे संपन्न हैं। इसलिए प्रकोष्ठ की ओर से निर्णय लिया गया है कि दिल्ली में भी अल्पसंख्यकों के बीच रोजगार और तालीम के स्तर पर युद्ध स्तर पर काम शुरू किए जाएंगे। महिलाओं को कौशल विकास का प्रशिक्षण दिया जाएगा। राशीद का कहना है कि बहुत जगहों पर मुस्लिम महिलाएं कारीगरी और कढ़ाई-सिलाई में निपुण हैं। उन्हें सीधे रोजगार से जोड़ा जाएगा ताकि बीच की दलाली को खत्म कर महिलाएं ज्यादा से ज्यादा मेहनताना कमा सकें। इसके अलावा सरकार की अल्पसंख्यकों के लिए योजनाओं को नीचे के स्तर तक भी पहुंचाया जाएगा ताकि वे उनसे फायदा उठा सकें। दिल्ली में सीलमपुर, करावलनगर, मुस्तफाबाद, बावरपुर, ओखला, मटियामहल,बल्लीमारान,महरौली, बदरपुर, सदरबाजार और कृष्णानगर में अल्पसंख्यक बहुल इलाके हैं।

 

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