रोहिणी विधायक विजेंद्र गुप्ता को दिल्ली विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए भाजपा का उम्मीदवार नामित किया गया है। पार्टी नेताओं ने गुरुवार को यह जानकारी दी। माना जा रहा है कि मोहन सिंह बिष्ट को डिप्टी स्पीकर बनाया जा सकता है।
पार्टी द्वारा अपने नामांकन की पुष्टि करते हुए गुप्ता ने पीटीआई से कहा, "मैं सबसे पहले सीएजी रिपोर्ट को सदन में पेश करूंगा, जिसे पिछली आप सरकार ने लंबित रखा था।"
रोहिणी से तीसरी बार विधायक बने आप विधायक ने अन्य भाजपा विधायकों के साथ मिलकर पहले अदालत का दरवाजा खटखटाया था और आरोप लगाया था कि आप सरकार अपने कामकाज पर नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की 14 रिपोर्टों को पेश होने से रोक रही है।
विधानसभा में विपक्ष के नेता रहे विजेंद्र गुप्ता रोहिणी से विधायक हैं। उन्होंने आम आदमी पार्टी के प्रदीप मित्तल को हराकर 37 हजार से ज्यादा वोटों से विधानसभा सीट जीती है। गुप्ता दिल्ली भाजपा के अध्यक्ष, दिल्ली विकास प्राधिकरण के सदस्य और एमसीडी की स्थायी समिति के पूर्व अध्यक्ष भी रह चुके हैं।
बता दें कि डिप्टी स्पीकर के रेस में सबसे आगे भाजपा के मोहन सिंह बिष्ट ने आप के अदील अहमद खान को 17 हजार से अधिक मतों से हराया। बिष्ट करावल नगर विधानसभा क्षेत्र से पांच बार विधायक रह चुके हैं।
मुस्तफाबाद विधानसभा क्षेत्र से यह उनकी छठी जीत है। 1998 से लेकर अब तक उन्होंने जब भी चुनाव लड़ा है, लगातार जीत हासिल की है। वे केवल एक बार 2015 में भाजपा के कपिल मिश्रा से हारे थे।
इस बीच, भाजपा की शालीमार बाग विधायक रेखा गुप्ता आज दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेंगी। गुप्ता ने दिल्ली में भाजपा महिला मोर्चा की महासचिव और इसकी राष्ट्रीय कार्यकारिणी समिति की सदस्य के रूप में कार्य किया है। इन भूमिकाओं में, उन्होंने हाशिए के समुदायों और महिलाओं के कल्याण के लिए कई अभियान शुरू किए।
गुरुवार को एएनआई से बात करते हुए मनोनीत मुख्यमंत्री ने कहा, "यह एक चमत्कार है, यह एक नई प्रेरणा और एक नया अध्याय है। अगर मैं मुख्यमंत्री बन सकती हूं, तो इसका मतलब है कि सभी महिलाओं के लिए रास्ते खुले हैं... जो कोई भी भ्रष्ट है, उसे एक-एक रुपए का हिसाब देना होगा।"
रेखा गुप्ता के साथ, परवेश साहिब सिंह (डिप्टी सीएम), आशीष सूद, मनजिंदर सिंह सिरसा, रविंदर इंद्रराज सिंह, कपिल मिश्रा और पंकज कुमार सिंह सहित छह अन्य मंत्री पदभार संभालेंगे।
वह दिल्ली की चौथी महिला मुख्यमंत्री होंगी, जो आप की आतिशी की जगह लेंगी। राष्ट्रीय राजधानी में भाजपा, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी की ओर से महिला मुख्यमंत्री रह चुकी हैं।
भाजपा 27 साल बाद राष्ट्रीय राजधानी में सरकार बना रही है।
इस महीने की शुरुआत में हुए विधानसभा चुनावों में भाजपा ने 70 में से 48 सीटें जीतीं, जबकि आम आदमी पार्टी सिर्फ़ 22 सीटें जीत सकी। कांग्रेस लगातार तीसरे चुनाव में अपना खाता भी नहीं खोल सकी।