लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने गुरुवार को दावा किया कि भारत में "बेरोजगारी की बीमारी" महामारी का रूप ले चुकी है और आरोप लगाया कि भाजपा शासित राज्य "इस बीमारी का केंद्र" बन गए हैं। उनकी यह टिप्पणी गुजरात के भरूच जिले के अंकलेश्वर में 40 रिक्तियों के लिए एक फर्म द्वारा आयोजित वॉक-इन इंटरव्यू के लिए लगभग 800 लोगों के आने के बाद मची भगदड़ जैसी स्थिति पर आई है।
सोशल मीडिया पर एक होटल के प्रवेश द्वार पर जाने वाले रैंप पर पैर रखने की कोशिश कर रहे उम्मीदवारों की एक बड़ी कतार के वीडियो वायरल हुए, जिसमें धक्का-मुक्की और धक्का-मुक्की की गई। आखिरकार रैंप की रेलिंग गिर गई, जिससे कई उम्मीदवार नीचे गिर गए, हालांकि कोई घायल नहीं हुआ।
एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में गांधी ने कहा, "भारत में 'बेरोजगारी की बीमारी' महामारी का रूप ले चुकी है और भाजपा शासित राज्य इस बीमारी का 'केंद्र' बन गए हैं।" पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा, "आम नौकरी के लिए कतारों में खड़ा 'भारत का भविष्य' नरेंद्र मोदी के 'अमृत काल' की हकीकत है।"
वीडियो शेयर करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी भाजपा पर निशाना साधा। खड़गे ने एक्स पर हिंदी में लिखे एक पोस्ट में कहा, "यह वीडियो भाजपा द्वारा पिछले 22 वर्षों से गुजरात की जनता के साथ खेले गए 'धोखाधड़ी मॉडल' का सबूत है। यह वीडियो इस बात का भी पुख्ता सबूत है कि किस तरह मोदी सरकार ने पिछले 10 वर्षों में युवाओं से नौकरियां छीनी हैं और उनका भविष्य बर्बाद किया है।"
खड़गे ने कहा, "भाजपा का सालाना दो करोड़ नौकरियां देने का वादा - पेपर लीक, भर्ती में भ्रष्टाचार, शिक्षा माफिया, सालों तक सरकारी नौकरियों को खाली रखना, जानबूझकर एससी/एसटी/ओबीसी/ईडब्ल्यूएस पदों को न भरना, अग्निवीर जैसी योजना लाकर संविदा पर भर्ती करना और करोड़ों युवाओं को दर-दर भटकने के लिए छोड़ देना - इन सबकी भेंट चढ़ गया है!"