पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती कीमतों और राफेल डील के मसले पर मोदी सरकार पहले से ही विपक्ष के निशाने पर हैं। इस बीच विपक्ष के हाथों एक और मुद्दा आ गया है। बुधवार को शराब कारोबारी विजय माल्या ने कहा कि उन्होंने भारत छोड़ने से पहले अरुण जेटली से मुलाकात की थी। इसे लेकर कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुरुवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने कहा, “बुधवार को अरुण जेटली ने कहा कि विजय माल्या ने उनसे संसद से अनौपचारिक मुलाकात की थी। वह लंबे ब्लॉग लिखते हैं, लेकिन इस बारे में कुछ नहीं लिखते। अरुण जेटली मुलाकात के बारे में झूठ बोल रहे हैं। सरकार विजय माल्या पर और राफेल पर झूठ बोल रही है। वित्त मंत्री ने एक आर्थिक अपराधी की भागने में मदद की है।”
उन्होंने कहा कि जेटली जी ढाई साल तक चुप्पी साधे रहे, ढाई साल तक रहस्य बनाये रहे। संसद में बहस भी हुई लेकिन जेटली जी ने कहीं भी इसका जिक्र नहीं किया।
‘उन्होंने भागने दिया या प्रधानमंत्री का आदेश आया?’
राहुल ने कहा कि वित्त मंत्री यह साफ करें की क्या बात हुई, उन्होंने (जेटली) ने कहा कि कॉरिडोर में आकर माल्या ने बताया कि वह लंदन भाग रहा है तो फिर आपने सीबीआई या ईडी को क्यों नहीं बताया। गिरफ्तारी नोटिस को सूचना नोटिस में किसने बदला? वित्त मंत्री साफ करें कि क्या उनके लेवल पर डील हुई है या उनको ऊपर से ऑडर मिले थे ऐसा करने के लिए और फिर इस्तीफा देना चाहिए। सरकार में प्रधानमंत्री सब कुछ तय करते हैं। वित्त मंत्री जी हिन्दुस्तान को बताएं कि क्या उन्होंने भगोड़े को हिंदुस्तान से भागने दिया या इसके लिये उनको प्रधानमंत्री जी से आदेश आया था?
माल्या-जेटली के बीच हुई लंबी वार्ता, झूठ निकला तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा: पीएल पुनिया
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद पीएल पुनिया ने कहा कि विजय माल्या और वित्त मंत्री अरुण जेटली के बीच संसद में लंबी वार्ता हुई और मैंने अपनी आंखों से देखा है। सीसीटीवी कैमरे से चेक किया जा सकता है, अगर झूठ निकला तो मैं राजनीति छोड़ दूंगा। उन्होंने कहा कि 1 मार्च को संसद के सेन्ट्रल हॉल में कोने में खड़े होकर विजय माल्या और अरुण जेटली काफी अंतरंग बातचीत कर रहे थे। हावभाव से साफ था कि दोनों काफी अच्छे से एक-दूसरे को जानतें है। उसके बाद 3 मार्च को विजय माल्या देश छोड़कर चले गए।
माल्या ने दिया था ये बयान
माल्या ने बुधवार को कहा कि वह भारत से रवाना होने से पहले वित्त मंत्री से मिला था। लंदन में वेस्टमिंस्टर मजिस्ट्रेट की अदालत में पेश होने के लिए पहुंचे माल्या ने संवाददाताओं को बताया कि उसने मंत्री से मुलाकात की थी और बैंकों के साथ मामले का निपटारा करने की पेशकश की थी।
अरुण जेटली ने किया खारिज
उधर, वित्त मंत्री जेटली ने माल्या के बयान को झूठा करार देते हुए कहा कि उन्होंने 2014 के बाद उसे कभी मिलने का समय नहीं दिया था। उन्होंने समाचार एजेंसी एएनआई को बताया, ''2014 से मैंने उन्हें कोई अपॉइंटमेंट नहीं दिया है। हालांकि, वह राज्य सभा सांसद थे तो इस विशेषाधिकार का उन्होंने एक बार गलत इस्तेमाल किया। मैं सदन की कार्रवाई से अपने कमरे में जा रहा था तब वह दौड़ते हुए मेरे पास आए और सेटलमेंट की बात की। मुझे उनके इस तरह के झांसे भरे प्रस्तावों के बारे में पहले बताया गया था इसलिए मैंने उनसे साफ कहा कि मुझसे बात करने का कोई मतलब नहीं। आप अपने ऑफर बैंकर को दें। उनके हाथों में जो कागज थे वे भी मैंने नहीं लिए। सिर्फ इस एक वाक्य के अलावा, जहां उन्होंने अपने विशेषाधिकार का गलत इस्तेमाल किया, उनसे मुलाकात का कोई सवाल ही नहीं उठता।''