भगोड़े हीरा कारोबारी नीरव मोदी, मेहुल चोकसी और शराब कारोबारी विजय माल्या पर कांग्रेस ने केंद्र की मोदी सरकार के साथ-साथ केंद्रीय जांच एजेंसी सीबीआई पर भी हमला तेज कर दिया है। कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने सीबीआई के गुजरात कैडर के अधिकारी का नाम लेकर हमला किया है। इतना ही नहीं, राहुल गांधी ने जॉइंट डायरेक्टर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आंख का तारा करार दिया है। इस पर सीबीआई ने अपना पक्ष सामने रखा है और राहुल गांधी के आरोपों से इनकार किया है।
क्या कहा राहुल गांधी ने
15 सितंबर को अपने ट्वीट में राहुल गांधी लिखते हैं, 'सीबीआई के संयुक्त निदेशक एके शर्मा ने माल्या के लुकआउट नोटिस को कमजोर किया और इस तरह माल्या को भगाने दिया। गुजरात कैडर के मिस्टर शर्मा सीबीआई में पीएम की आंखों के तारे हैं। यही अधिकारी ने नीरव मोदी और मेहुल चोकसी की फरारी योजना मामले में इंचार्ज थे..ऊप्स इंवेस्टिगेशन।'
CBI Jt. Director, A K Sharma, weakened Mallya’s “Look Out” notice, allowing Mallya to escape.
Mr Sharma, a Gujarat cadre officer, is the PM’s blue-eyed-boy in the CBI.
The same officer was in charge of Nirav Modi & Mehul Choksi’s escape plans. Ooops...
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) September 15, 2018
investigation!
सीबीआई का पक्ष
सीबीआई ने पीएनबी मामले पर कहा कि नीरव मोदी और मेहुल चोकसी के खिलाफ शिकायत पीएनबी की तरफ से एक महीने बाद मिली। इसलिए उनके भागने में किसी अफसर का हाथ होने का सवाल ही नहीं उठता। शिकायत दर्ज होने को फौरन बाद सीबीआई द्वारा जरूरी कदम उठाए गए।
विजय माल्या पर सीबीआई ने कहा कि विजय माल्या के खिलाफ लुकआउट में बदलाव की वजह यह थी कि इसके लिए ठोस आधार नहीं थे कि उसे हिरासत में लिया जा सके और गिरफ्तार किया जा सके। यह निर्णय उचित स्तर पर लिया गया ना कि उन अफसर द्वारा, जिन पर आरोप लगाया जा रहा है।
CBI received complaint against Nirav Modi&Mehul Choksi from PNB almost a month after they had left the country. Therefore the question of any CBI officer having any hand in their fleeing the country does not arise: CBI
— ANI (@ANI) September 15, 2018
As has been stated a no.of times earlier,decision to change LOC against #VijayMallya was taken as at the time there was not sufficient grounds for CBI to detain&arrest him.Decision was taken at appropriate level as a part of process¬ individually by the officer as alleged: CBI pic.twitter.com/I5sMgLJrSE
— ANI (@ANI) September 15, 2018
माल्या के बयान पर मचा हुआ है बवाल
इससे पहले कांग्रेस ने माल्या के विदेश फरार होने को लेकर भाजपा सरकार और केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली को आड़े हाथ लिया था। दअसल, विजय माल्या ने लंदन कोर्ट में पेशी से पहले बयान दिया था कि देश छोड़ने से पहले उसने वित्त मंत्री जेटली से मुलाकात की थी और बैंक सेटलमेंल को लेकर चर्चा भी की थी।
इसके बाद से ही कांग्रेस समेत पूरे विपक्ष ने मोदी सरकार और जेटली को निशाना बनाना शुरू कर दिया। इसके साथ ही कांग्रेस ने सीबीआई के अनभिज्ञता पर भी सवाल उठाए। पार्टी प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने मीडिया से बात करते हुए कहा, '19 अगस्त 2014 को एसबीआई ने विलफुल डिफॉल्टर होने पर नोटिस जारी किया था। सितंबर 2014 को ही यूनाईटेड बैंक ऑफ इंडिया ने भी इसी तरह का नोटिस दिया था। 2015 तक एसएफआईओ और सीबीआई ने माल्या के खिलाफ शिकायत भी दर्ज कर ली थी। ऐसे में सीबीआई कैसे कह सकती है कि उसके पास घोटाले का कोई सबूत नहीं था।'
सीबीआई पर राहुल ने पहले भी उठाए सवाल
इससे पहले राहुल गांधी ने अपने ट्वीट में लिखा था, 'माल्या की ग्रेट फरारी में सीबीआई का चुपचाप किया गया वह बदलाव था, जिसमें डिटेन नोटिस को इंफॉर्म नोटिस में बदल दिया गया। सीबीआई प्रधानमंत्री को सीधे तौर पर रिपोर्ट करती है। ऐसे में यह असंभव है कि इस हाईप्रोफाइल विवादित मामले में प्रधानमंत्री की इजाजत के बिना सीबीआई कोई बदलाव कर ले।'