डोगरा के जन्मशती समारोह में शामिल होने जम्मू पहुंचे मोदी ने कहा है कि हम किस दल के हैं, किस विचाराधारा के हैं, इससे सार्वजनिक जीवन नहीं चलता है। राजनीति में छुआछूत नहीं होती बल्कि देश के लिए मरने जीने वालों का सम्मान होता है। हम जो बाद की पीढ़ी के लोग है, उनका दायित्व है कि हम अपनी विरासत को बंटने नहीं दें। इसमें भेदभाव, छुआछूत न करें, सभी महापुरूषों का सम्मान करें। समारोह में जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्राी मुफ्ती मोहम्मद सईद, कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कर्ण सिंह, गुलाम नबी आजाद आदि मौजूद थे।
27 साल तक जम्मू और कश्मीर के वित्त मंत्री रहे गिरधारी लाल डोगरा की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि एक इंसान और राजनेता के तौर पर डोगरा साहब का जीवन हमारे के लिए प्रेरणादायी है। उल्लेखनीय है कि कि वित्त मंत्री अरुण जेटली गिरधारी लाल डोगरा के दामाद हैं। इस रिश्ते का जिक्र करते हुए नरेंद्र मोदी ने कहा कि डोगरा साहब और अरुण जेटली की राजनीतिक विचारधारा में कोई समानता नहीं थी। दोनों की विचारधारा बिल्कुल अलग थी। लेकिन डोगरा साहब को लोगों की बहुत परख थी। दामाद के चयन से यह बात जाहिर होती है।
इस अवसर पर कांग्रेस और अन्य दलों के नेताओं के साथ मंच साझा करने पर प्रधानमंत्री ने कहा कि एेसे अंतर्विरोध लोकतंत्र की सुंदरता हैं। उन्होंने कहा, हम (गुलाम नबी आजाद सहित) अभी यहां बैठे हैं, लेकिन कुछ दिन बाद मुक़ाबला होने का इंतजार कीजिए। उनका इशारा 21 जुलाई से शुरू होने जा रहे संसद के मानसून सत्र से था जहां भूमि अधिग्रहण सहित कई मुद्दों पर विपक्ष सरकार को घेरने की रणनीति बनाए हुए है।
दामादों पर ली चुटकी
कई दलों के नेताओं की मौजूदगी में मोदी परिवारवाद पर हमला करने से भी नहीं चूके। गिरधारी लाल डोगरा और अरुण जेटली के बारे में उन्होंने कहा कि दामाद, ससुर के कारण नहीं और ससुर दामाद के कारण नहीं जाने जाते। वरना इतने समय में कभी तो अरूण जी का मन किया होगा... लेकिन दोनों ने एक दूसरे को इससे अलग रखा। आज तो हम जानते हैं कि दामादों के कारण क्या-क्या बातें होती हैं। गिरधारी लाल जी ने जीवन में पल पल मर्यादाओं का पालन किया। कार्यक्रम में मौजूद केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने कहा,''डोगरा साहब की लोग बड़ी इज्जत करते थे, यही कारण है कि वह कभी चुनाव नहीं हारे।''
परिवारवाद पर चोट करते हुए मोदी ने कहा, मैंने राजनीतिक से जुड़ी गिरधारी साहब की जितनी तस्वीर देखी है, उसमें उनके परिवार का एक भी व्यक्ति नजर नहीं आया। इतने लम्बे समय तक सार्वजनिक जीवन और सत्ता के गलियारे में रहने तथा देश के शुरूआती सभी प्रधानमंत्रिायों से निकट संबंध होने के बाद भी एक भी तस्वीर में परिवार का कोई सदस्य नजर नहीं आया। सिर्फ अंत्येष्टि की तस्वीर में परिवार के सदस्य थे।
राजनीति का दुर्भाग्य
गिरधारी लाल डोगरा को याद करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि राजनीति का दुर्भाग्य ऐसा है कि मरने के बाद बहुत कम राजनेता जीवित रहते हैं। लेकिन यह गिरधारी लाल डोगरा जी की जीत हैं कि वह बहुत से नेताओं के लिए प्रेरणा बने। जम्मू-कश्मीर में आज दो या तीन पीढि़यां एेसी होंगी जो यह कहती हैं कि उन्हें गिरधारी लाल जी का अंगुली पकड़कर चलने का मौका मिला। वह जम्मू कश्मीर के कद्दावर नेता थे जिन्होंने वित्त मंत्री के रूप में 26 बार बजट पेश किया। एेसा मौका उस व्यक्ति को ही मिलता है जिसका राजनीतिक जीवन सभी के समक्ष स्वीकृत और पारदर्शी हो।
ईद के मौके पर मिल सकता है केंद्र का तोहफा
पिछले 13 महीने में नौवीं बार जम्मू पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ईद के मौके पर राज्य के लिए विशेष पैकेज का ऐलान कर सकते हैं। कश्मीर में घाटी में एम्स और आईआईटी की स्थापना की भी घोषणा हो सकती है। मिली जानकारी के मुताबिक, केंद्र से कश्मीर को 70 हजार करोड़ रुपये का पैकेज मिल सकता है जो यूपीए राज में मिले पैकेज से काफी ज्यादा होगा।