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यह महिला आरक्षण नहीं, 'महिला बेवकूफ बनाओ विधेयक' है: नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर AAP

महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम मंगलवार को नए संसद भवन के पहले बिल के तौर पर केंद्रीय...
यह महिला आरक्षण नहीं, 'महिला बेवकूफ बनाओ विधेयक' है: नारी शक्ति वंदन अधिनियम पर AAP

महिला आरक्षण विधेयक यानी नारी शक्ति वंदन अधिनियम मंगलवार को नए संसद भवन के पहले बिल के तौर पर केंद्रीय मंत्री अर्जुन राम मेघवाल द्वारा पेश किया गया था। बुधवार को इस बिल पर लोकसभा में चर्चा होनी है। इसी बीच, आप सांसद संजय सिंह ने कहा कि यह महिला आरक्षण विधेयक नहीं, 'महिला बेवकूफ बनाओ विधेयक' है।

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने कहा, "यह निश्चित रूप से महिला आरक्षण विधेयक नहीं है, यह 'महिला बेवकूफ बनाओ' विधेयक है। हम ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद से उन्होंने जो भी वादे किए थे उनमें से कोई भी पूरा नहीं हुआ है।"

"यह उनका लाया हुआ एक और 'जुमला' है। यदि आप बिल लागू करना चाहते हैं तो आम आदमी पार्टी पूरी तरह से आपके साथ खड़ी है लेकिन इसे 2024 में लागू करें। क्या आपको लगता है देश की महिलाएं मूर्ख हैं?"

उन्होंने कहा, "महिला विरोधी बीजेपी बिल के नाम पर एक और 'जुमला' लेकर आई है। देश की महिलाएं, राजनीतिक दल इन चुनावी हथकंडों को समझते हैं। इसलिए हम कहते हैं कि अगर उनकी मंशा साफ है तो 2024 में इसे लागू करें।"

<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | AAP MP Sanjay Singh says, &quot;This is definitely not a Women&#39;s Reservation Bill, this is &#39;Mahila Bewakoof Banao&#39; Bill. We have been saying this because none of the promises made by them have been fulfilled ever since PM Modi came to power. This is another &#39;jumla&#39; brought by… <a href="https://t.co/eBd6OaOnV2">pic.twitter.com/eBd6OaOnV2</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1704361156318761458?ref_src=twsrc%5Etfw">September 20, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

मंगलवार को, कांग्रेस सांसद रंजीत रंजन ने कहा था, ''ये कांग्रेस का बिल है। ये कांग्रेस लेकर आई थी। मार्च 2010 में ये राज्यसभा से पास हो गया था। बीजेपी को सत्ता में आए 9.5 साल हो गए हैं। चुनाव से ठीक पहले उन्हें महिला आरक्षण विधेयक की याद क्यों आई? आप सत्ता पाना चाहते हैं लेकिन अगर विधेयक सदन के समक्ष आता है तो हम उसका स्वागत करेंगे।"

<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | On Women&#39;s Reservation Bill, Congress MP Ranjeet Ranjan says, &quot;This is Congress&#39;s Bill. This was brought by Congress. In March 2010, it was passed by the Rajya Sabha. It has been 9.5 years since BJP came to power. Why did they think of Women&#39;s Reservation Bill right… <a href="https://t.co/CXtyhB0R78">pic.twitter.com/CXtyhB0R78</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1704000787532415310?ref_src=twsrc%5Etfw">September 19, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

शिवसेना (यूबीटी) सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने कहा, "यह विधेयक बहुत पहले लाया जाना चाहिए था। यह 2014 में भाजपा के घोषणापत्र में था, लेकिन यह मोदी सरकार के 9.5 साल बाद हो रहा है। मुझे उम्मीद है कि इससे महिलाएं सही तरीके से सशक्त होंगी। मुझे उम्मीद है कि विधेयक यथाशीघ्र पारित हो जाएगा। मुझे उम्मीद है कि यह विधेयक 2024 के लोकसभा चुनाव में लागू होगा और 33% महिलाएं निर्वाचित होंगी और देश के विकास में भाग लेंगी।"

<blockquote class="twitter-tweet"><p lang="en" dir="ltr"><a href="https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&amp;ref_src=twsrc%5Etfw">#WATCH</a> | On the Women&#39;s Reservation Bill, Shiv Sena (UBT) MP Priyanka Chaturvedi says &quot;This Bill should have been brought long ago. It was in the BJP&#39;s manifesto in 2014, but this is taking place after 9.5 years of Modi Govt. I hope that this will empower women in the right way.… <a href="https://t.co/Xa1snGsaNy">pic.twitter.com/Xa1snGsaNy</a></p>&mdash; ANI (@ANI) <a href="https://twitter.com/ANI/status/1703989564078186631?ref_src=twsrc%5Etfw">September 19, 2023</a></blockquote> <script async src="https://platform.twitter.com/widgets.js" charset="utf-8"></script>

वर्तमान में, लोकसभा और विधानसभाओं में अनुसूचित जाति और अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों की कुल संख्या का एक तिहाई उन समूहों की महिलाओं के लिए आरक्षित किया जाएगा। इस संशोधन अधिनियम के लागू होने के 15 वर्ष बाद महिलाओं के लिए सीटों का आरक्षण समाप्त हो जाएगा। विदित हो कि 2010 में राज्यसभा ने उसे पारित किया था लेकिन बिल लोकसभा से पारित नहीं हो सका।

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