महाराष्ट्र में देवेंद्र फड़णवीस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार के मंगलवार को तीन साल पूरे हो गए। पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे को इस सरकार में शामिल करने का फैसला पार्टी के वरिष्ठ नेता एकनाथ खडसे को रास नहीं आया है। उन्होंने कहा है कि जिनलोगों की मेहनत से भाजपा की सरकार बनी, उनलोगों को सत्ता से बाहर रखा गया है।
धुले में सोमवार को एक पुस्तक विमोचन समारोह में उन्होंने यह बात कही। इस दौरान भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष श्याम जाजू भी मौजूद थे। आपातकाल पर मराठी में लिखी किताब का जाजू ने विमोचन किया। खडसे ने कहा कि हालात यह है कि जिन लोगों ने भाजपा को सत्ता में लाने में अपनी जिंदगी लगा दी, मेहनत की वे सत्ता से बाहर हैं और नारायण राणे जैसे लोग सत्ता में भागीदार।
शिवसेना में रहते हुए राणे 1999 में प्रदेश के मुख्यमंत्री बने थे। बाद में वे कांग्रेस में शामिल हो गए। पिछले दिनों कांग्रेस छोड़ उन्होंने महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष नाम की पार्टी का गठन किया था। सोमवार को मुख्यमंत्री देवेंद्र फड़णवीस ने कहा था कि राणे एनडीए से जुड़े और भाजपा अपने कोटे से शीतकालीन सत्र से पहले उन्हें राज्य कैबिनेट में जगह देगी।
यह पहला मौका नहीं है जब खडसे ने अपनी ही पार्टी पर हमला बाेला है। आधिकारिक पद का दुरुपयोग कर पुणे के पास जमीन खरीदने का आरोप लगने के बाद बीते साल जून में उन्हें फड़णवीस कैबिनेट से इस्तीफा देना पड़ा था। इस्तीफे के बाद सरकार ने इस मामले की न्यायिक जांच के आदेश दिए थे। इसके बाद से कई मौकों पर वे पार्टी के फैसलों से असहमति जता चुके हैं। अगस्त में अपने गृहनगर जलगांव में एक कार्यक्रम के दौरान उन्होंने कहा था कि पार्टी में उनकी स्थिति लालकृष्ण आडवाणी जैसी हो गई है।