गुजरात सरकार में सब कुछ सही नहीं चल रहा है। दरअसल, राज्य की भाजपा सरकार के खिलाफ उनकी ही पार्टी के विधायकों ने बगावती सुर तेज कर दिए हैं। तीन विधायकों ने मुख्यमंत्री विजय रुपाणी की नेतृत्व वाली सरकार पर सवाल उठाते हुए कहा कि राज्य में घोर अफसरशाही है, जिसके कारण विकास के काम अटक गए हैं। उनकी कोई नहीं सुनता।
इंडिया टीवी के मुताबिक, अपनी ही सरकार के खिलाफ आवाज उठाने वालों में वाघोडिया की विधायक मधु श्रीवास्तव, सावली के केतन इमानदार और मांजलपुर के योगेश पटेल शामिल हैं।
तीनों विधायकों ने दावा किया कि कई राज्य मंत्री और नौकरशाह उनकी बात नहीं सुन रहे हैं। वे जनता के प्रतिनिधियों के प्रति इस तरह का दृष्टिकोण प्रदर्शित कर रहे हैं।
मधु श्रीवास्तव ने कहा, "आज हम तीन हैं लेकिन कल 13 या 23 हो सकते हैं। आज हम तीन, ब्रह्मा, विष्णु और महेश एक साथ हो गए हैं। अब कुछ भी होने दो।"
श्रीवास्तव ने बताया, "जब से सरकार ने छह महीने पहले सत्ता संभाली थी, तब से राज्य के नौकरशाह अपनी इच्छाओं और प्रशंसकों के लिए काम कर रहे हैं।
विधायक केतन इनामदार ने आरोप लगाया कि वे अधिकारियों के दृष्टिकोण को लेकर नाराज हैं। वह पार्टी या सरकार के खिलाफ नहीं हैं। उन्होंने कहा, "सरकार को निश्चित रूप से नौकरशाही पर नियंत्रण रखना चाहिए, लेकिन ऐसा नहीं हो रहा है।"
भाजपा इस मसले पर तेजी से कार्रवाई कर रही है इसे लेकर वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री भूपेंद्रसिंह चुड़ासमा को दखल देने को कहा गया है। चुड़ासमा ने कहा, "जो भी मुद्दा हो, नितिन भाई (उपमुख्यमंत्री) और जितुभाई वाघानी (राज्य भाजपा अध्यक्ष) से व्यक्तिगत रूप से बात करके उनके मुद्दों को हल करेंगे।"
भाजपा प्रवक्ता भारत पंड्या ने कहा, "तीनों को राज्य पार्टी अध्यक्ष ने व्यक्तिगत रूप से बैठक के लिए बुलाया है। हमने उनको सही फोरम पर अपनी शिकायतें देने के लिए कहा है।"
बता दें कि इन विधायकों के बगावती तेवर से पहले भी कई नेताओं की नाराजगी सामने आती रही है। चर्चा था कि उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल भी नाराज हैं। गुजरात में दो दशक से भाजपा की सरकार है। हालांकि पिछले साल हुए चुनाव में भाजपा की सीटें कम हुई हैं। भाजपा ने 99 सीटों पर जीत दर्ज की वहीं कांग्रेस को 80 सीटें मिली।