संसद में पिछले कई दिनों से गतिरोध बना हुआ है। राज्य सभा और लोकसभा की कार्रवाई लगातार स्थगित हो रही हैं। इस पर भाजपा और कांग्रेस के बीच आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है। एनडीए सांसदों ने कांग्रेस पर कार्रवाई बाधित करने का आरोप लगाते हुए अपना भत्ता न लेने का फैसला किया है।
एनडीए सांसदों के इस फैसले पर कांग्रेस ने कहा है कि यह मोदी सरकार में हुए मुद्दों से भटकाने वाला कदम है और विपक्ष को संसद नहीं चलने देने के लिए जिम्मेदार बताकर सरकार गुमराह कर रही है।
कांग्रेस प्रवक्ता और यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष राजबब्बर ने एक प्रेस कांफ्रेस में आरोप लगाया कि मोदी सरकार के चार साल के शासन में करोड़ों रुपये के घोटाले हुए हैं। इस पर पर्दा डालने के लिए एनडीए के सांसदों ने दो दो हजार रुपये का भत्ता लेने से इंकार किया है। उन्होंने कहा कि सरकार बैंक घोटाले, आंध्र प्रदेश को विशेष राज्य का दर्जा देने कावेरी जल विवाद के समाधान और सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मद्देनजर एससी-एसटी एक्ट जैसे जनता से जुड़े मुद्दों पर चर्चा कराने से सरकार बच रही है। इसलिए विपक्षी दलों को संसद नहीं चलने देने के लिए जिम्मेदार ठहराया जा रहा है और देश को गुमराह किया जा रहा है।
कांग्रेस प्रवक्ता ने कहा कि नीरव मोदी और उसके मामा मेहुल चोकसी जैसे लोग पैसा लेकर देश छोड़कर भाग रहे हैं। इन्हें पकड़ने की कोई कवायद नहीं की जा रही है। उन्होंने कहा कि देश में दंगों जैसा माहौल है। बैंकों में लोगों का पैसा सुरक्षित नहीं है। पुलिस वाले गाड़िया तोड़ रहे हैं और दलितों को फंसाया जा रहा है। आंध्र प्रदेश के साथ राजनैतिक धोखा किया जा रहा है। बाबा साहेब अंबेडकर की मूर्तियां तोड़ी जा रही हैं। विपक्ष इन सभी मुद्दों पर संसद में चर्चा कराना चाहता है और इससे बचने के लिए सरकार संसद नहीं चलने दे रही। सरकार एक तरह का खेल खेल रही है जिसे कांग्रेस उजागर करके रहेगी।