त्रिपुरा से भारतीय जनता पार्टी के लिए एक अच्छी खबर आ रही है। राज्य चुनाव आयोग के अनुसार, सत्तारूढ़ भाजपा ने अगरतला नगर निगम में 51 में से 29 वार्डों में बहुमत हासिल किया है। अगरतला नगर निगम समेत कई नगर निकायों की 200 से ज्यादा सीटों के चुनाव के लिए आज सुबह से मतगणना जारी है। त्रिपुरा के नगर निगम के चुनाव में आज कुल 785 उम्मीदवारों के किस्मत का फैसला होने वाला है। मुख्य मुकाबला भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) और भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के बीच में है।
शरूवाती रुझानों में नगर निकाय के वोटों की गिनती में भी बीजेपी आगे नजर आ रही है। जाहिर हो, 2018 में त्रिपुरा में सत्ता में आने के बाद भाजपा ने पहला निकाय चुनाव लड़ा था। चुनाव आयोग के आकड़ें के अनुसार, त्रिपुरा निकाय चुनावों में 81 प्रतिशत से अधिक मतदान दर्ज किया गया था।
चुनावों के दौरान कथित हिंसा की छिटपुट घटनाएं, दर्जनों गिरफ्तारियां, दिल्ली में धरना प्रदर्शन और सुप्रीम कोर्ट द्वारा अधिकारियों को शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करने के निर्देश दिए जाने के बाद यह चुनाव चर्चा का विषय बन गया था। पार्टियों ने चुनाव में धांधली होने का भी आरोप लगाया है। धांधली के आरोपों के बीच मतगणना केंद्रों पर त्रिस्तरीय सुरक्षा व्यवस्था की गई है। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी के मुताबिक, मतगणना केंद्रों से सटे इलाकों में सुरक्षा व्यवस्था के अलावा त्रिपुरा स्टेट राइफल्स और केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बल को कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए तैनात किया गया है।
सत्तारूढ़ भाजपा, टीएमसी और सीपीआई (एम) के अलावा अन्य मुख्य दावेदारों ने दावा किया है कि मतदान प्रक्रिया में धांधली की गई थी और मांग की थी कि त्रिपुरा निकाय चुनाव को रद्द किया जाए।
वहीं चुनावी नतीजा के बीच भाजपा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष दिलीप घोष ने ममता बनर्जी पर निशाना साधते हुए कहा है कि नगर निकाय चुनाव के परिणाम उम्मीद के अनुसार आए हैं। तृणमूल का त्रिपुरा में खाता खुलने का कोई आसार नहीं है। उन्होंने केवल शोर मचाया। यह फैसला दर्शाता है कि पश्चिम बंगाल से आए किराए के लोग ऐसे राज्य में किसी पार्टी को अपना आधार बनाने में मदद नहीं कर सकते, जिसका भाजपा पर भरोसा है।
भाजपा प्रवक्ता नबेंदु भट्टाचार्य ने अपने कार्यकर्ताओं को समझाते हुए कहा है कि कार्यकर्ता अनुशासन बनाए रखें। भट्टाचार्य ने एक बयान में कहा, "पार्टी ने परिणामों की घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं को संगठनात्मक परंपरा का पालन करने के लिए कहा है।"