कांग्रेस ने बुधवार को दावा किया कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पारस्परिक शुल्क लगाने की बात जीएसटी जैसे उपभोग कर पर सवाल उठा रही है और आश्चर्य जताया कि क्या नई दिल्ली में उनके अच्छे दोस्त राष्ट्रीय संप्रभुता के दांव पर होने पर इसका विरोध करेंगे।
कांग्रेस महासचिव (संचार प्रभारी) जयराम रमेश ने कहा कि उनकी पार्टी लंबे समय से जीएसटी 2.0 की मांग कर रही है, जो जीएसटी को सही मायने में अच्छा और सरल कर बनाएगा, जैसा कि इसका इरादा था।
उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा कि इसमें न्यूनतम दरें तय करने तथा अनुपालन नियमों में व्यापक सुधार की मांग की गई है।
उन्होंने कहा, "अब राष्ट्रपति ट्रम्प जीएसटी के अस्तित्व को ही खतरे में डाल रहे हैं। इसकी संरचना के अनुसार, जीएसटी आयात पर लागू होता है, लेकिन निर्यात पर नहीं। इस पर कभी विवाद नहीं हुआ।"
रमेश ने दावा किया कि अब अमेरिकी राष्ट्रपति द्वारा पारस्परिक टैरिफ की यह सारी बातें जीएसटी जैसे उपभोग कर पर सवाल उठा रही हैं।
कांग्रेस नेता ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा, "डब्ल्यूटीओ को छोड़ दें तो यहां राष्ट्रीय संप्रभुता दांव पर है। क्या राष्ट्रपति ट्रंप के दिल्ली में अच्छे दोस्त, जो खुद को विश्वगुरु बताते रहते हैं, खड़े होंगे?"
रमेश ने एक्स पर एक लेख भी साझा किया, जिसमें दावा किया गया था कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा प्रस्तावित टैरिफ के नवीनतम दौर में व्हाइट हाउस द्वारा "अनुचित" करों के रूप में वर्णित प्रतिक्रिया शामिल है, विशेष रूप से, ऑस्ट्रेलिया के माल और सेवा कर जैसे मूल्य वर्धित कर।