मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के उपाध्यक्ष कल्बेे सादिक ने कहा कि मुस्लिम शरीयत कानून में कोई दखल बर्दाश्त नहीं करेंगे। उन्होंने कहा कि सिर्फ मुस्लिम ही नहीं देश के दूसरे अल्पसंख्यक समुदाय भी इसका विरोध करेंगे क्योंकि ये धार्मिक रीति रिवाज में दखल देने वाली बात होगी।
मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड के एक और सदस्य मौलाना खालिद रशीद फिरंगी महली ने सरकार को चेतावनी दी कि अगर भाजपा सरकार ऐसा कोई कदम उठाती है तो बोर्ड चुप नहीं बैठेगा। उन्होंने कहा कि मामला सिर्फ मुसलमानों का नहीं है। देश में कश्मीर से लेकर मिजोरम तक अलग-अलग लोगों के लिए अलग-अलग कानून खुद देश की संसद ने बनाए हैं।
उत्तर प्रदेश में ज्यादातर मुस्लिम धर्मगुरुओं का मानना है कि सिर्फ उत्तर प्रदेश में व़ोटों की राजनीति कराकर हिंदुओं का वोट बटोरने के लिए भाजपा इन मुद्दों को चर्चा में लाना चाहती है। ठीक वैसे ही जैसे पिछली बार उत्तर प्रदेश चुनाव के समय यूपीए की सरकार ने मुसलमानों को आरक्षण देने का आश्वासन देकर वोट बटोरने की कोशिश की थी। लेकिन बाद में हुआ कुछ नहीं।