यूपी कांग्रेस के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू को बुधवार को आगरा की एक स्थानीय अदालत ने अंतरिम जमानत दे दी। उन्हें रिहाई के लिए 20,000 रुपये का निजी मुचलका देने के लिए कहा गया था। बावजूद इसके उन्हें राहत नहीं मिल पाई। रिहाई के कुछ मिनट बाद, लल्लू को लखनऊ पुलिस की एक टीम ने फिर से गिरफ्तार कर लिया, जो इससे पहले आगरा पहुंची थी। प्रवासी मजदूरों के लिए जुटाई गई बसें भेजने के मुद्दे पर कांग्रेसी नेताओं ने मंगलवार को धरना दिया था। उनमें अजय कुमार लल्लू भी थे।
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के खिलाफ लखनऊ में बस नंबर की फर्जी सूची के मामले में धोखाधड़ी और जालसाजी का मुकदमा दर्ज हुआ है। इसी एफआईआर में कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा के निजी सचिव संदीप सिंह का भी नाम है। प्रवासी मजदूरों के लिए बसें मुहैया कराने को लेकर कांग्रेस पार्टी और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के बीच चल रहा आरोप-प्रत्यारोप एक तीखे मोड़ पर पहुंच गया। उत्तर प्रदेश सरकार का कहना है कि बसों की जो सूची उपलब्ध कराई गई है, उनमें ऑटो और दूसरे वाहनों के भी नंबर हैं।
आगरा और लखनऊ में कार्यकर्ताओं ने किया प्रदर्शन
बसों को अनुमति नहीं देने के विरोध में लल्लू ने विरोध प्रदर्शन और धरना दिया था जिस पर उन्हें मंगलवार शाम को आगरा में गिरफ्तार कर लिया गया था। इस बीच, आगरा और लखनऊ में कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने यूपीसीसी अध्यक्ष की गिरफ्तारी और राज्य सरकार द्वारा उनकी बसों को प्रवासियों को लाने की अनुमति नहीं देने के विरोध में प्रदर्शन किया।
बॉर्डर पर बसों को नहीं दी गई एंट्री
कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने प्रवासी मजदूरों को लाने के लिए प्रदेश सरकार से एक हजार बसों को चलाने की अनुमति मांगी थी। प्रदेश सरकार ने इसकी अनुमति दे दी थी। इसके बाद यह फतेहपुर सीकरी के चौमा शाहपुर में यूपी और राजस्थान बार्डर पर आगरा में खड़ी रहीं। बसों को यूपी सीमा में प्रवेश नहीं देने पर कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू समर्थकों के साथ वहां पहुंचे और तीन घंटे तक अनुमति नहीं मिलने पर चार बजे धरने पर बैठ गए। इसके बाद पुलिस ने कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष समेत अन्य को गिरफ्तार कर लिया था।