इसके लिए विवादित स्थल से करीब 15 किलोमीटर दूर 25 एकड़ भूमि चिन्हित भी कर ली गई है। इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय की योजना अयोध्या में ही अंतर्राष्ट्रीय रामायण सम्मेलन भी कराने की है। केंद्र की ओर से यह सारी कवायद पूर्व घोषित रामायण सर्किट के नाम पर की जाएगी।
आगामी 18 अक्टूबर को अयोध्या के दौरे पर जा रहे संस्कृति मंत्री महेश शर्मा इस दौरान इस योजना के स्वरूप पर स्थानीय अखाड़ों, संबंधित लोगों और भाजपा कार्यकर्ताओं से विस्तृत बातचीत करेंगे। इसी दौरे में शर्मा संग्रहालय के लिए पूर्व में घोषित 175 करोड़ के बजट को बढ़ा कर 225 करोड़ करने की भी घोषणा करेंगे।
सियासी संदेश देने के लिए शर्मा खुद विवादित स्थल पर राम लला का दर्शन भी कर सकते हैं। चुनाव से पूर्व रामायण सर्किट योजना पर काम जमीन पर दिखे इसके लिए संस्कृति मंत्रालय जल्द ही रामायण सर्किट सलाहकार बोर्ड से भी बातचीत करेगा।
गौरतलब है कि यूपी विधानसभा चुनाव में मोदी सरकार और भाजपा कई प्रतीकों का भी इस्तेमाल कर रही है। इस क्रम में पासी समुदाय से जुड़े रहे राजा सुहेल देव की स्मृति में कई कार्यक्रमों का आयोजन किया था। इसके अलावा संस्कृति मंत्रालय ने ही बीते दिनों वाराणसी में कबीर मेमोरियल के निर्माण की घोषणा की थी।