विपक्ष के विधायकों ने राज्यपाल के अभिभाषण के दौरान कानून व्यवस्था के मुद्दे पर हंगामा करते हुए राज्यपाल पर कागज फेंके। विपक्षी विधायक सदन में हाथों में तख्तियां लेकर आए थे। राज्यपाल का अभिभाषण शुरू होते ही समाजवादी पार्टी के विधायकों ने उनकी ओर कागज के गोले फेंके। हालांकि राज्यपाल राम नाइक ने हंगामे और नारेबाजी के बीच ही अपना संबोधन पूरा किया।
समाजवादी पार्टी के साथ ही बसपा व कांग्रेस के विधायकों ने प्रदेश में खराब कानून-व्यवस्था को लेकर हंगामा किया। इसी बीच विधान परिषद में भी विपक्ष ने काफी हंगामा किया। वेल में नारेबाजी भी की गई। जिसके कारण सदन की आगे की कार्यवाही कल तक के लिए स्थगित कर दी गई।
कैबिनेट मंत्री सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि हम उम्मीद रखते हैं कि विपक्ष अपनी सकारात्मक भूमिका निभाएगा। सिद्धार्थ नाथ ने कहा कि कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्ष को आत्मनिरीक्षण करना चाहिए। सिंह ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि सपा सरकार खुद राज्य की कानून-व्यवस्था बेहतर नहीं कर पाई और हमसे 50 दिनों की रिपोर्ट मांगी जा रही है।
17वीं विधानसभा के गठन के बाद यह विधानमंडल का पहला सत्र है। विधानसभा अध्यक्ष की अगुआई में कार्य मंत्रणा समिति की बैठक में 15 से 22 मई तक के कार्यक्रम की मंजूरी दी गई है। इस बीच सदन की छह बैठकें होंगी।
विपक्ष के विरोध को झेलने के लिए भाजपा ने पूरी तैयारी की है। नए विधायकों को सदन में व्यवहार के लिए प्रशिक्षित किया गया है। सरकार भी करीब 2 महीने के शासनकाल के दौरान अपने कामों का खाका पेश करेगी। हालांकि सदन में विपक्ष का संख्या बल महज 74 विधायकों का है, लेकिन हाल ही में बुलंदशहर, सहारनपुर, संभल और गोंडा में जातीय और सांप्रदायिकता को मुद्दा बनाकर सरकार के पक्ष को कमजोर करने की कोशिश होगी।