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संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर फिर हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित

संसद के मॉनसून सत्र का आज यानी सोमवार को 8वां दिन है। आज के दिन फिर संसद में मणिपुर मुद्दा उठाया गया,...
संसद में मणिपुर हिंसा को लेकर फिर हंगामा, लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित

संसद के मॉनसून सत्र का आज यानी सोमवार को 8वां दिन है। आज के दिन फिर संसद में मणिपुर मुद्दा उठाया गया, दोनों सदनों की कार्यवाही सुबह 11 बजे से शुरू हुई, जिसके बाद आज फिर लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों ने मणिपुर मुद्दे पर हंगामा किया। इसके चलते लोकसभा की कार्यवाही 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई। वहीं, राज्यसभा की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित हुई थी। फिलहाल राज्यसभा की कार्यवाही फिर से शुरू हो गई है, लेकिन कार्यवाही शुरू होते ही फिर तेज हंगामा भी शुरू हो गया है।

संसद का मॉनसून सत्र 20 जुलाई से शुरू हुआ, लेकिन पूर्वोत्तर राज्य में हिंसा को लेकर लगातार हो रहे हंगामे की वजह से संसद की कार्यवाही प्रभावित हुई। पिछले 7 दिनों से दोनो सदनों की कार्यवाही ठप है।

राज्यसभा में सदन के नेता पीयूष गोयल ने कहा, “हम चाहते हैं कि आज दोपहर 2 बजे संसद में मणिपुर पर चर्चा हो। वे (विपक्ष) सदस्यों को दी गई स्वतंत्रता का दुरुपयोग करने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार मणिपुर पर चर्चा के लिए तैयार है। लेकिन वे (विपक्ष) पहले ही सदन के 9 दिन खराब कर चुके हैं।”

बता दें कि I.N.D.I.A के सांसद हिंसा प्रभावित राज्य की दो दिवसीय यात्रा के बाद रविवार को नई दिल्ली लौट आए हैं, जिसके बाद I.N.D.I.A गठबंधन के 21-सदस्यीय सासदों ने संघर्षग्रस्त राज्य के दौरे के बाद पूर्वोत्तर राज्य की स्थिति के बारे में जानकारी देने के लिए सोमवार को संसद में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात करेंगे। प्रतिनिधिमंडल में शामिल सांसद आज सुबह 9:30 बजे संसद भवन में I.N.D.I.A गठबंधन के नेताओं को जानकारी देंगे। वहीं, विपक्ष इस मुद्दे को लेकर संसद के अंदर केंद्र पर हमला बोलेगा।

इसके अलावा दिल्ली में सेवाओं के नियंत्रण पर केंद्र के अध्यादेश की जगह लेने वाला दिल्ली ऑर्डिनेंस बिल इस सप्ताह लोकसभा और राज्यसभा दोनों में सरकार के एजेंडे में शामिल हैं।

संसद में सरकार द्वारा दिल्ली सेवा विधेयक पेश किया जा सकता है। ऐसा हुआ तो विपक्षी एकता की परीक्षा होगी। आम आदमी पार्टी (आप) ने अपने राज्यसभा सदस्यों के लिए व्हिप जारी किया है। आप ने इस विधेयक के खिलाफ अभियान चलाया था। पार्टी प्रमुख और दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल विपक्षी दलों के नेताओं से मिले थे और विधेयक का विरोध करने की अपील की थी। राज्यसभा में सरकार के पास बहुमत नहीं है। आप की कोशिश है कि सभी विपक्षी दल मिलकर इसे राज्यसभा में पास नहीं होने दें। यह विधेयक दिल्ली सरकार के अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग पर फैसला लेने की ताकत को लेकर है। सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को अधिकारियों की ट्रांसफर-पोस्टिंग की ताकत दी थी, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा 19 मई को अध्यादेश लेकर इसे पलट दिया गया था। विधेयक पास होता है तो यह अध्यादेश की जगह लेगा।

संसदीय कार्य मंत्री ने प्रहलाद जोशी ने विपक्ष की बैठक पर कहा कि उनको सदन में आकर बात करनी चाहिए। यह संवेदनशील विषय है, सरकार बहस को तैयार है। उनसे विनती करते है कि वो आएं और चर्चा करें, जो देखकर आए हैं वह सदन में बोलें, सदन के अंदर चर्चा करें। उन्होंने कहा कि जहां तक दिल्ली ऑडनेंस बिल का मामला है, जो लिस्ट में है, वही आएगा। जब आएगा तो आपको बता दिया जाएगा।

केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि मेरा सभी विपक्षी दलों के सांसदों से आग्रह है कृपया वे सदन के अंदर आएं और चर्चा में भाग लें। सरकार इन विषयों पर चर्चा करने के लिए पहले दिन से तैयार है। उन्होंने कहा कि अगर आपको 2018 की याद हो तो तब भी विपक्ष यह जानते हुए भी कि भाजपा-एनडीए के पास पूर्ण बहुमत है उसके बाद भी अविश्वास प्रस्ताव लाया था। स्पीकर जब चाहे तब अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करे, सरकार चर्चा के लिए तैयार है और देश को भी विपक्ष का असली चेहरा नज़र आए।

राज्यसभा के सभापति ने मणिपुर की चर्चा के लिए अनुमति दे दी थी। हम विपक्ष से पिछले 10 दिनों से चर्चा करने का अनुरोध कर रहे हैं। जिस प्रकार विपक्षी दलों का व्यवहार रहा उससे हम चिंतित हैं। आज भी सदन के अंदर विपक्षी दलों से (चर्चा के लिए) अनुरोध किया है। विपक्ष की सोच में कुछ घोट है। हमने चर्चा आज 2 बजे करने के लिए कहा है। अधिकांश सदस्य आज चर्चा चाहते हैं

कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व सभी सत्तारूढ़ पार्टी के सांसदों को वहां (मणिपुर) के हालात का जायज़ा लेने के लिए जाना चाहिए। हम बिहार और पश्चिम बंगाल पर भी चर्चा करने के लिए तैयार हैं। सरकार को जल्द से जल्द अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करानी चाहिए। हमें अन्य मुद्दों पर चर्चा करने पर कोई दिक्कत नहीं है लेकिन उन्हें पहले अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा करानी चाहिए।

बता दें कि विपक्षी दलों के 21 सांसदों ने शनिवार और रविवार को मणिपुर की यात्रा की। इस दौरान विपक्षी दलों के नेताओं ने जमीनी स्थिति देखी। विपक्ष द्वारा मांग की जा रही है कि प्रधानमंत्री मणिपुर हिंसा पर बयान जारी करें। विपक्षी दलों ने सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव भी पेश किया है, जिसे लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने स्वीकार कर लिया है।

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